चित्रकूट उपचुनाव: शिवराज का नहीं चला जादू, कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी ने 14 हजार से ज्यादा वोटों से BJP उम्मीदवार शंकर दयाल त्रिपाठी को हराया

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मध्य प्रदेश के सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए रविवार (12 नवंबर) सुबह से जारी मतगणना समाप्त हो गया है। इस उपचुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस ने अपनी सीट बरकरार रखी है। चित्रकुट से कांग्रेस के निलांशु चतुर्वेदी ने अपने निकटतम उम्मीदवार बीजेपी के शंकर दयाल त्रिपाठी को करीब 14 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है। (AP Photo/Ashwini Bhatia)

बता दें कि शुरुआत से ही नीलांशु चतुर्वेदी आगे चल रहे थे और 19 राउंड की गिनती के बाद उन्होंने निर्णायक जीत दर्ज कर ली। इससे पहले बीजेपी उम्मीदवार शंकर दयाल त्रिपाठी ने सातवें राउंड के दौरान ही अपनी हार मानते हुए मतगणना केंद्र से बाहर चले गए थे।

मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हार स्‍वीकार करते हुए ट्वीट किया, ”चित्रकूट उपचुनाव में जनता के निर्णय को शिरोधार्य करता हूँ। जनमत ही लोकतंत्र का असली आधार है। जनता के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूँ। चित्रकूट के विकास में किसी तरह की कमी नहीं होगी। प्रदेश के कोने-कोने का विकास ही मेरा परम ध्येय है।”

गौरतलब है कि 9 नवंबर को यहां हुए मतदान में लगभग 62 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। मतगणना रविवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक मतगणना के सातवें दौर के खत्म होने पर चतुर्वेदी 15,000 मतों से आगे चल रहे थे।

कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव आवश्यक हो गया था। चित्रकूट सीट के लिए हुए उपचुनाव के लिए 12 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी के शंकर दयाल त्रिपाठी और कांग्रेस के नीलांशु चतुर्वेदी के बीच ही है।

आपको बता दें कि चित्रकूट विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक प्रेम सिंह (65) का इस साल 29 मई को निधन होने के कारण यह सीट खाली हुई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी थी। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तीन दिन तक चित्रकूट में चुनाव प्रचार के लिये आए थे।

शिवराज ने यहां तीन दिनों तक रूककर जमकर प्रचार किया था। उनके अलावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष नंदकुमार चौहान और शिवराज मंत्रिमंडल के करीब एक दर्जन मंत्री भी इसी इलाके में घूम-घूमकर वोट मांग रहे थे। उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे होने की वजह से शिवराज ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या को भी प्रचार के लिए बुलाया था।

 

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