फर्जी पासपोर्ट मामला: अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को 7 साल की सजा

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विशेष अदालत ने गैंगस्टर छोटा राजन और अन्य को फर्जी पासपोर्ट मामले में सात साल की सजा सुनाई है। इससे पूर्व छोटा राजन और तीन अन्य अवकाश प्राप्त नौकरशाहों को एक विशेष अदालत ने फर्जी भारतीय पासपोर्ट बनवा कर सरकार को ठगने के मामले में सोमवार(24 अप्रैल) को दोषी करार दिया गया था।

फाइल फोटो: The Indian Express

विशेष न्यायाधीश विरेन्द्र कुमार गोयल ने तीन अवकाश प्राप्त नौकरशाहों- जयश्री दत्तात्रेय रहाते, दीपक नटवरलाल शाह और ललिता लक्ष्मणन को ‘आपराधिक षड्यंत्र करके’ फर्जी पासपोर्ट प्राप्त करने में राजन की मदद करने का दोषी करार दिया था।

फैसला सुनाने के तुरंत बाद अदालत ने तीनों नौकरशाहों को तुरंत हिरासत में लेने को कहा। इस दौरान अदालत कक्ष में मौजूद तीनों नौकरशाह रो पड़े। तीनों फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। फिलहाल न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद 55 वर्षीय राजन उर्फ राजेंद्र सदाशिव निकालजे सुरक्षा कारणों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुआ था।

चारों को भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज का प्रयोग असली के रूप में करने, ठगी के लिए फर्जीवाड़ा करने, महत्वपूर्ण सुरक्षा दस्तावेज या वसीयत की फर्जी नकल करने, वेश बदलकर ठगी करने और आपराधिक षड्यंत्र रचने तथा पासपोर्ट कानून के अन्य प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी करार दिया गया है।

सीबीआई के मुताबिक, चारों आरोपियों को धोखाधड़ी, षडयंत्र रचने और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत चार्जशीट में नामित किया गया था। सितंबर 2003 मे मोहन कुमार के नाम पर बने फर्जी पासपोर्ट और टूरिस्ट वीजा पर छोटा राजन भारत से ऑस्ट्रेलिया भाग गया था। इसके बाद वह करीब 12 साल तक वहीं रहा था।

बता दें कि राजन को 25 अक्टूबर 2015 में बाली शहर में इंडोनेशिया की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिसके बाद इंटरपोल से जारी रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर राजन को 6 नवंबर 2015 को भारत लाया गया। राजन इस वक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। इस केस में दोषी बाकी तीनों अधिकारी जमानत पर थे।

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