उत्तर प्रदेश की हरदोई सीट से बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा ने टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर बुधवार (27 मार्च) को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा लखनऊ में पार्टी कार्यालय पर तैनात ‘चौकीदार’ को सौंपा है। जिसका एक वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
बता दें कि अंशुल वर्मा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सदस्य रहे हैं। उन्होंने हरदोई (लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र) से 2014 में आम चुनाव जीता था। लेकिन इस बार बीजेपी ने हरदोई से अंशुल वर्मा का टिकट काटकर जय प्रकाश रावत को उम्मीदवार बनाया गया है। अंशुल टिकट कटने के बाद से ही बगावती तेवर में नजर आ रहे थे। सांसद ने बीजेपी के कैंपेन ”मैं भी चौकीदार” पर तंज कसते हुए बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में तैनात चौकीदार को अपना इस्तीफा सौंपा।
इस्तीफा सौंपने के बाद पार्टी के प्रदेश कार्यालय से निकलते हुए अंशुल ने कहा कि, ‘विकास किया है, विकास करेंगे, अंशुल थे अंशुल ही रहेंगे, चौकीदार न कहेंगे।’
इस्तीफा देने की वजह बताते हुए अंशुल ने कहा कि अगर विकास ही मानक था तो 24 हजार करोड़ रुपया लगाने की और विकास को आखिरी पायदान से चौथे पायदान पर लाने की सजा मिली है। पार्टी से नाराजगी जाहिर करते हुए बोले कि सदन में मेरी उपस्थिती 95 प्रतिशत रही है, इसमें मेरा दोष कहा था यह समझ से परे है।
लखनऊ, हरदोई : बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा ने पार्टी से दिया इस्तीफा,अंशुल वर्मा ने चौकीदार पर तंज कसते हुए भाजपा के प्रदेश कार्यालय में तैनात चौकीदार को सौंपा अपना इस्तीफा@Ashok_News24 #LokSabhaElections2019
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बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘चौकीदार’ शब्द अपने नाम के साथ जोड़ा है। यह काम लाखों बीजेपी समर्थकों ने भी किया और बीजेपी ने इसे एक मुहिम के तौर पर चलाया। बीजेपी ने यह मुहिम कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘चौकीदार चोर है’ के आरोपों के बाद आरंभ किया और कांग्रेस को जवाब देने के लिए लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए यह किया है।