उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के मतदान के बीच बुधवार(8 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) को तब झटका लगा जब उसके पुराने नेता और वाराणसी दक्षिण विधानसभा सीट से सात बार विधायक रहे श्यामदेव राय चौधरी ने सक्रिय राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया। माना जा रहा था कि अगर श्यामदेव को मनाने में भाजपा असफल रही तो, इसका खासा नुकसान भुगतना पड़ सकता है
बता दें कि श्यामदेव राय चौधरी बीजेपी के टिकट पर पिछले सात बार से वाराणसी दक्षिण सीट से जीतते रहे हैं और विधायक रहे। लेकिन इस बार बीजेपी ने श्यामदेव को टिकट नहीं दिया है। उनके जगह पर पार्टी ने डॉ. नीलकंठ तिवारी को उम्मीदवार बनाया है। इस फैसले से श्यामदेव राय चौधरी काफी नाराज थे।
दादा के नाम से मशहूर श्यामदेव ने वाराणसी में वोट डालने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि मैं जनता से अपील करूंगा की कमल के निशान पर वोट देकर पीएम मोदी के हाथों के सशक्त करें और उनकी भारत को आगे बढ़ाने में मदद करें। नीलकंठ को जीताने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां मुझे कोई नीलकंठ याद नहीं है, यहां मुझे सिर्फ कमल का निशाना और पीएम मोदी याद हैं।
जानकारों का कहना है कि श्यामदेव की जनता के बीच राजनीतिक हैसियत को शायद बीजेपी समझ नहीं पाई। यही वजह है कि जब उनका टिकट कटा तो पार्टी में तूफान आ गया और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर पड़े। लोगों की नाराजगी को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी में रोड शो के दौरान जब काशी विश्ववनाथ मंदिर पहुंचे तो वहां श्यामदेव पहले से मौजूद थे।
जब पीएम मोदी मंदिर की ओर चल रहे थे, तभी उन्होंने श्यामदेव का हाथ पकड़ा और उन्हें अपने साथ मंदिर लेकर गए थे। इतना ही नहीं जब पीएम मोदी काशी विश्वनाथ में विधि-विधान से पूजा पाठ कर रहे थे, तब भी श्यामदेव उनके ठीक बगल मौजूद रहे। लेकिन ऐसा लग रहा है कि लग रहा है कि श्यामदेव की नाराजगी अभी दूर नहीं हुई है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और आखिरी दौर में बुधवार(8 मार्च) को सात जिलों की 40 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं। अंतिम चरण में 1.41 करोड़ मतदाता चुनाव मैदान में उतरे 535 प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला करेंगे। चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आएंगे।