बसपा प्रमुख मायावती ने योगी सरकार में ‘कानून का नहीं बल्कि आपराधिक तत्वों का राजधर्म’ चलाने का आरोप लगाते हुए शनिवार(20 मई) को कहा कि यह सरकार प्रदेश की आम जनता को शांति, सद्भाव व सुरक्षा का जीवन देने की पहली संवैधानिक जि़म्मेदारी निभाने में विफल साबित हुई है।मायावती ने एक बयान में कहा कि सत्ता परिवर्तन का सही लाभ प्रदेश की आम जनता को मिलता नहीं दिख रहा है क्योंकि प्रदेश में अपराध में कोई कमी नहीं आई है बल्कि जातिवादी हिंसा व राजनीतिक विद्वेष की घटनाओं ने ज्यादा भयंकर रूप धारण कर लिया है।
उन्होंने कहा कि बीजेपी का आधार वोट माने जाने वाले व्यापारी भी दिन-दहाड़े लूट व हत्याओं से दहल गए हैं। सहारनपुर व मथुरा की घटनाओं ने योगी सरकार के दावों की धज्जियां उड़ा दी हैं। इसके बावजूद सरकार विधानसभा में कहती है कि अपराधी जिस भाषा में समझेंगे, उसी भाषा में समझाएंगे।
मायावती ने कहा कि ‘इससे क्या स्पष्ट नहीं है कि बीजेपी सरकार को पता ही नहीं है कि अपराधियों को समझाने के लिये केवल एक ही सरकारी भाषा की जरूरत होती है और वह है ‘कानून की भाषा’ जिसके लिये आश्वासनों व भाषणों की नहीं बल्कि दृढ़-इच्छाशक्ति की जरूरत होती है।
मायावती ने कहा कि प्रदेश में जो साम्प्रदायिक, जातिवादी व अन्य आपराधिक घटनाएं हो रही हैं उनमें से ज्यादातर भाजपा एंड कंपनी के लोगों का ही षडयंत्र नज़र आता है और इन लोगों के प्रति भाजपा सरकार का रवैया कानूनी तौर पर सही ना होकर लाचार बना हुआ है।