महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर जारी खींचतान के बीच शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि भाजपा अगर महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा पूरा नहीं करना चाहती तो केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतात्रिंक गठबंधन (एनडीए) में बने रहने को कोई मतलब नहीं है।

पार्टी की इस घोषणा के साथ ही मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से सोमवार को इस्तीफा भी दे दिया। शिवसेना के एनडीए छोड़ने पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी बयान सामने आया है। शिवसेना के एनडीए छोड़ने का सवाल जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ‘वो जाने भाई इसमें हमको क्या मतलब है?’ सीएम नीतिश कुमार के इस बयान का एक वीडियो भी सामने आया है।
Chief Minister of Bihar, Nitish Kumar on being asked 'Shiv Sena has left NDA, what do you have to say?': Vo jaane bhai isme humko kya matlab hai? pic.twitter.com/ayIKzNPEkr
— ANI (@ANI) November 11, 2019
महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के शिवसेना को सरकार बानने का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित करने के एक दिन बाद राउत ने पत्रकारों से कहा, भाजपा ‘50:50’ के फार्मूले का पालन नहीं करके जनादेश का ‘‘अपमान’’ कर रही है। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले इस पर निर्णय ले लिया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा ‘पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ (पीडीपी) के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बना सकती है तो शिवसेना महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ क्यों नहीं।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘भाजपा का यह अहंकार कि वह विपक्ष में बैठ लेगी लेकिन मुख्यमंत्री पद साझा नहीं करेगी, के कारण ही मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई है… अगर भाजपा अपना वादा पूरा करने को तैयार नहीं है, तो गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है।’’
राउत ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से राज्य के हित में साथ आने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, राकांपा को मतभेद भूल कर महाराष्ट्र के हित में एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ आना चाहिए। राउत ने कहा, ‘शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस महाराष्ट्र के हित की रक्षा पर सहमत हैं।’
बता दें कि, हालिया चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिल पाया है। महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हाल में हुए चुनाव में भाजपा ने 105 सीटों पर जीत हासिल की थी जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई हैं। राकांपा ने 54 सीटें जीतीं और कांग्रेस के खाते में 44 सीटें आई हैं। (इंपुट: भाषा के साथ)