मुस्लिम महिला खिलाड़ी से प्रेरित होकर बार्बी डॉल को पहली बार हिजाब पहना कर किया गया पेश

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इस्लामोफोबिया का डर दुनियाभर में देखा जाता है। कल ही दिल्ली से आई एक खबर ने सबको चौंका दिया कि हिजाब पहनने की वजह से एक महिला को नौकरी के लिए अयोग्य पाया गया। जबकि सारी दुनिया के बच्चों की चहेती बार्बी डॉल को अब हिजाब पहनाकर पेश किया जा रहा है।

बच्चों के बीच बेहद लोकप्रिय और बदलते फैशन की पहचान कराने वाली बार्बी डॉल हमेशा ही अपने पहनावे को लेकर सुर्खियों में रही है। 1950 के बाद से अब तक बार्बी डॉल ने एक लंबा सफर तय किया है और दुनियाभर के लोगों को बताया कि आजकल फैशन में क्या चल रहा है।

बार्बी डॉल बनाने वाली कंपनी ने एक नई डॉल को लॉन्च किया है। यह हिजाब पहने हुए है। इसका रंग सांवला है। हिजाब पहने हुए ये बार्बी डॉल पिछले साल के ओलंपिक में भाग लेने अमेरिकी मुस्लिम महिला इब्तिहाज मुहम्मद से प्रेरित है। इसे दुनिया में गोरे रंग और मुस्लिम विरोधी मानसिकता के खिलाफ एक प्रतिक्रिया माना जा रहा है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बार्बी डॉल के इस नए संस्करण की प्रेरणा तलवारबाज इब्तिहाज मुहम्मद से मिली है जो ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली मुस्लिम अमेरिकी महिला है। मुहम्मद ने रियो ओलंपिक 2016 में महिलाओं की टीम फायल स्पार्धा में कांस्य पदक जीता था। वह हिजाब पहनकर खेलने वाली पहली अमेरिकी ओलंपियन हैं।

इसके अलावा ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली मुस्लिम अमेरिकी महिला हैं। बार्बी डॉल बनाने वाली कंपनी माटेल ने कहा कि यह डॉल अगले साल आनलाइन उपलब्ध होगी। मुहम्मद ने कहा था कि उसे लगा कि बाकी मुस्लिम महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए उसका हिजाब पहनना जरूरी है। बार्बी की शेरो डाल में उसे तलवारबाजी की पोशाक पहने, हाथ में हेलमेट लिए और हिजाब पहने दिखाया गया है।

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