बुलेट ट्रेन पर बोले आशुतोष राणा- ‘उधार की ‘घी’ चुपड़ी रोटी से सुखद श्रम से अर्जित ‘सूखी रोटी’ होती है’

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने गुरुवार (14 सितंबर) को अहमदाबाद में भारत की पहली बुलेट ट्रेन की नींव रखी। मुंबई से अहमदाबाद रूट पर चलने वाली देश की पहली बुलेट ट्रेन के जरिये यात्री समुद्र के अंदर यात्रा करने का रोमांच अनुभव कर सकेंगे। सरकार ने कहा है कि 15 अगस्त 2022 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा।

Photo: Chiloka

इस परियोजना की कुल अनुमानित लागत करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये का है, जिसमें 88 हजार करोड़ का कर्ज जापान देगा। इस कर्ज का ब्याज मात्र 0.1 फीसदी होगा, जिसे 50 साल में चुकाना होगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन हुआ है, जब 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होंगे तब मैं और शिंजो आबे बुलेट ट्रेन में एक साथ बैठेंगे।

लेकिन सोशल मीडिया सहित देश भर में एक तरफ जहां बुलेट ट्रेन की तारीफ हो रही है, वहीं दूसरी तरफ लोग इसे लेकर तंज भी कस रहे हैं। दरअसल, पिछले कुछ दिनों में रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यहां तक कि लगातार रेल घटनाओं की वजह से आलोचनाओं का शिकार हुए पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु को अपने पद से इस्तीफा तक देना पड़ा था।

आशुतोष राणा ने कसा तंज

इस बीच बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता आशुतोष राणा ने बुलेट ट्रेन को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। राणा ने अपने फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में इस परियोजना के लिए जापान से कर्ज लिए जाने को गलत ठहराया है। उन्होंने अपनी पोस्ट में बुलेट ट्रेन का विरोध तो नहीं किया है, लेकिन जापान से कर्ज लिए जाने पर उन्होंने जोरदार तरीके से अपनी बात रखी है।

बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर आशुतोष राणा ने अपने पोस्ट में लिखा है, ‘हम भारतियों के पास ट्रेन भी है और ब्रेन भी है। हमारे लिए बुलेट ट्रेन से अधिक उपयोगी बुलेट ब्रेन है। हमें चाहिए कि हम अपनी सम्पत्ति का उपयोग भारतीय ट्रेनों को और भारतीय ब्रेनों को बुलेट के जैसा बनाने में खर्च करें, जिससे हम स्वयं की क्षमता पर अपने भारत का नवनिर्माण कर सकें।’

उन्होंने आगे लिखा, ‘उधार की ‘घी’ चुपड़ी रोटी से कहीं अधिक सुखद और स्वास्थवर्धक, स्वयं के श्रम से अर्जित की हुई सूखी रोटी होती है। क्योंकि उधार लिया गया ज्ञान हो या मान, शक्ति हो या सम्पत्ति ये कालान्तर में कल्याणकारी नहीं होते। यह सर्वविदित व्याहारिक सत्य है कि उधार, कभी भी उद्धारक नहीं होता।’

राणा ने आगे लिखा, ‘यदि हम चाहते हैं की हमारा देश मात्र सुविधाओं का नहीं शक्ति का केंद्र बने, तब हमें अपनी संचित सम्पत्ति का उपयोग भारतीय संतति को सबल सक्षम बनाने में करना चाहिए, जिससे युवा भारत सुविधाओं का ग्राहक नहीं सुविधाओं का सृजक बने।’ आशुतोष राणा का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है।

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