दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने के बाद आशुतोष ने बिना नाम लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। आशुतोष ने ट्वीट कर कहा है कि 23 साल के मेरे पत्रकारिता करियर में किसी ने मेरी जाति नहीं पूछी लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में मुझे उम्मीदवार घोषित किया गया तो मेरे उपनाम (सरनेम) का उल्लेख किया गया जबकि मैंने इसका विरोध किया था।

आशुतोष ने ट्वीट कर लिखा है, ” 23 साल के पत्रकारिता के करियर में कभी भी किसी ने मुझसे मेरी जाति या फिर उपनाम (सरनेम) नहीं पूछा। मैं हमेशा मेरे नाम से ही जाना जाता रहा था। लेकिन जब मुझे 2014 लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान कार्यकर्ताओं से जब मिलवाया गया तो मेरे सरनेम का उपयोग किया गया। हालांकि, मैंने इसका विरोध किया था। लेकिन तब मुझे कहा गया कि सर, आप कैसे जीतोगे। आपकी जाति के यहां काफी वोट हैं।”
In 23 years of my journalism, no one asked my caste, surname. Was known by my name. But as I was introduced to party workers as LOKSABHA candidate in 2014 my surname was promptly mentioned despite my protest. Later I was told – सर आप जीतोगे कैसे, आपकी जाति के यहाँ काफी वोट हैं ।
— ashutosh (@ashutosh83B) August 29, 2018
हालांकि कुछ देर बाद आशुतोष ने फिर से यह अन्य ट्वीट कर सफाई देते हुए कहा है कि टीवी चैनलों ने मेरे ट्वीट को गलत समझा है।
My tweet is misunderstood by TV HAWKS. I am no longer with AAP, not constrained by party discipline and free to express my views. It will be wrong to attribute my words as attack on AAP. It will be gross manipulation of media freedom. Spare me. I not member of anti-AAP BRIGADE.
— ashutosh (@ashutosh83B) August 29, 2018
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट पर पार्टी की प्रभारी (उम्मीदवार) आतिशी मार्लेना ने अपने नाम से मार्लेना शब्द हटा दिया है। उन्होंने अपना नाम अब केवल आतिशी कर लिया है। प्रचार के लिए लग रहे या बन रहे किसी भी पोस्टर, बैनर, होर्डिंग, पैम्फलेट में अब केवल आतिशी ही लिखा जा रहा है।
यही नही आतिशी मार्लेना का ट्विटर हैंडल जो पहले @Atishimarlena हुआ करता था अब बदलकर @AtishiAAP हो गया है। पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर भी आतिशी ही लिखना शुरू कर दिया है। दरअसल उनके करीबियों के मुताबिक इस तरह की अफवाहें फैल रही थी कि आतिशी विदेशी हैं या ईसाई हैं, जिससे लोगों के बीच काम की चर्चा न होकर इस पर ही चर्चा फोकस होने की आशंका थी। इस वजह से आतिशी ने यह फैसला लिया।
गौरतबल है कि साल 2015 में दिल्ली में केजरीवाल सरकार के गठन के बाद आप से अलग हुये प्रमुख नेताओं की फेहरिस्त में आशुतोष, चौथा बड़ा नाम हैं। इससे पहले आप के संस्थापक सदस्य योगेन्द्र यादव, प्रशांत भूषण और शाजिया इल्मी पार्टी से नाता तोड़ चुके हैं। पिछले कुछ समय से पार्टी की गतिविधियों से अलग चल रहे कुमार विश्वास भी आप नेतृत्व से नाराज बताए जाते हैं।
पूर्व पत्रकार आशुतोष ने साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को मिली कामयाबी के फलस्वरूप केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में वह आप के टिकट पर दिल्ली की चांदनी चौक सीट से चुनाव लड़े थे। हालांकि इसमें उन्हें भाजपा के डा. हर्षवर्धन के सामने हार का सामना करना पड़ा था।