महाराष्ट्र के इगतपुरी में नौ दिनों तक विपश्यना ध्यान शिविर में बिताने के बाद मंगलवार को दिल्ली लौटे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल गुरुवार(21 सितंबर) को सुपरस्टार कमल हासन से चेन्नई में मुलाकात की है। दरअसल, जिस समय यह मुलाकात हुई है, वह काफी महत्वपूर्ण है। इस मुलाकात पर देश की सभी राजनीतिक पार्टियों की निगाहें टिकी हुई थीं। हालांकि, इस मुलाकात से क्या निष्कर्ष निकला, दोनों ने इस बात का खुलासा नहीं किया है।मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने एक दूसरे की जमकर तारीफ की। कमल हासन ने कहा कि उनके पिता भी राजनीति से जुड़े रहे हैं। सीएम केजरीवाल की तारीफ करते हुए हासन ने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ने को लेकर AAP नेता की राष्ट्रीय स्तर पर छवि है। वहीं, सीएम केजरीवाल ने कहा कि हासन को राजनीति में आना चाहिए।
AAP नेता ने कहा कि देश भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में लाइक माइडेंड लोगों को एक साथ आना चाहिए। मुलाकात के बारे में जानकारी देते हुए केजरीवाल ने कहा कि दोनों ने विभिन्न विचार शेयर किया। देश और तमिलनाडु के हालात पर चर्चा की। केजरीवाल ने कहा कि दोनों मिलना और बातें करना जारी रखेंगे।
बता दें कि लंबे समय से कमल हसन के राजनीति में आने की बात हो रही है। ऐसे में केजरीवाल का उनसे मिलना काफी मायने रखता है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस मुलाकात के जरिए केजरीवाल तमिलनाडु में राजनीतिक तलाश रहे हैं। विश्वस्त सूत्रों से मुताबिक कमल हासन, केजरीवाल से मिलना चाहते थे। बताया जा रहा है कि एक फोन कॉल के बाद दोनों की मुलाकात की भूमिका बनी।
जानकारों का मानना है कि कमल हसन के दिमाग में क्या चल रहा है, अभी यह कोई भी नहीं जानता है। ऐसे में इस मुलाकात के नतीजों के बारे में कुछ भी कहना काफी जल्दबाजी होगी। अटकलें तो यह भी लगाई जा रही हैं कि यदि कमल हासन अलग पार्टी बनाएंगे तो आम आदमी पार्टी(AAP) उनकी सहयोगी हो सकती है।
इससे पहले कमल हासन इस महीने की शुरुआत में केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन से भी मुलाकात कर चुके हैं। केजरीवाल के चेन्नई जाने को लेकर सूत्रों का कहना है कि वह भी अपनी पार्टी को देश के दक्षिणी हिस्से में फैलाना चाहते हैं। AAP दिल्ली के बाहर भी अपनी धमक का एहसास कराना चाहती है। ऐसे में केजरीवाल और कमल हासन की यह मुलाकात नए अध्याय की शुरुआत भी हो सकती है।
AAP ने पिछले दिनों गोवा और पंजाब में भी विधान सभा चुनावों में हाथ आजमाया था। गोवा में भले ही पार्टी को कोई खास रेस्पॉन्स न मिला हो, लेकिन पंजाब में राज्य की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के तौर पर उभरी है। AAP अब गुजरात में कुछ सीमित सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। कमल हासन के साथ केजरीवाल की इस मुलाकात देश भर में उनकी पार्टी की मौजूदगी का अहसास करा सकती है।