2002 के गुजरात दंगों के दौरान इंडिया टुडे के कंसलटिंग एडिटर राजदीप सरदेसाई के साथ घटी एक घटना को कथित तौर पर अपने साथ जोड़ने के मामले में रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी कटघरे में खड़े हो गए हैं। सरदेसाई द्वारा पत्रकारिता से इस्तीफा मांगे जाने की खबर को ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा चलाए जाने के बाद अर्नब का वीडियो यूट्यूब से अचानक गायब हो गया है। खास बात यह है कि सोशल मीडिया पर अर्नब के खिलाफ चल रहे इस अभियान में अब टाइम्स नाऊ के संपादक भी कूद गए हैं। बता दें कि सोशल मीडिया पर अर्नब गोस्वामी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह 2002 के गुजरात दंगों की कवरेज से जुड़ी एक कहानी को अपने निजी तजुर्बे के तौर पर लोगों को किसी कार्यक्रम में सुना रहे हैं। इस वीडियो में अर्नब कथित तौर पर गुजरात दंगे के दौरान अपने ऊपर हमले का जिक्र कर रहे हैं।
वीडियो में अर्नब कह रहे हैं अचानक हमारी एंबेसडर कार को रोक दिया गया। हमारी कार पर त्रिशूलों से हमला करते हुए कार की खिड़कियां तोड़ दी गईं। ये सब मैंने अपनी आंखों से देखा। हमसे हमारे धर्म को लेकर सवाल पूछे जाने लगे। ये मुख्यमंत्री आवास से 50 मीटर दूर हुआ। हालांकि अर्णब ने इस वीडियो कहीं भी कहीं भी ‘गुजरात’ शब्द का जिक्र नहीं किया है।
राजदीप सरदेसाई ने अर्नब पर साधा निशाना
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद राजदीप सरदेसाई ने उनके दावे को सफेद झूठा करार देते हुए हमला बोला है। सरदेसाई ने ट्वीट कहा कि वो (अर्नब) तो उस दौरान गुजरात गए ही नहीं थे। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘वाह मेरे दोस्त, अर्नब दावा कर रहे हैं कि गुजरात दंगों के दौरान मुख्यमंत्री आवास के पास उनकी कार पर हमला हुआ, लेकिन सच ये है कि वो अहमदाबाद में हुए दंगों को कवर ही नहीं कर रहे थे।’ सरदेसाई के ट्वीट करने के बाद अब उस वीडियो को डिलीट कर दिया गया है।
Wow! My friend Arnab claims his car attacked next to CM Res in Guj riots! Truth:he wasn't covering Ahmedabad riots!! https://t.co/xOe7zY8rCp
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) September 19, 2017
राजदीप सरदेसाई ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर अर्नब गोस्वामी को निशाने पर लिया। राजदीप ने कहा कि अर्नब ने जिस घटना का जिक्र वीडियो में किया है वह सच्ची कहानी है लेकिन उस जगह पर मैं (राजदीप ) और मेरे कुछ साथी थे, ना कि अर्नब। उन्होंने कहा कि देश जानना चाहता है कि अर्नब गोस्वामी पत्रकारिता कब छोड़ रहे हैं, क्योंकि अब तो उनके झूठी कहानी से पर्दा उठ गया है।
हालांकि, डिलीट करने के बाद भी वह वीडियो सोशल मीडिया पर उपलब्ध है। अर्नब के पूराने साथी ने ही टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ राहुल शिवशंकर को टैग करते हुए उस वीडियो ट्वीट किया है। इस मामले में उस वक्त नया मोड़ आया जब इस वीडियो को टाइम्स नाउ के एडिटर इन चीफ राहुल शिवशंकर ने रीट्वीट कर दिया। अब यह मामला और आगे बढ़ गया है।
For those who missed it @RShivshankar pic.twitter.com/uhRKqX3BPA
— HECTOR KENNETH (@hk_356) September 20, 2017
बता दें कि गुजरात दंगों की कवरेज के लिए राजदीप सरदेसाई की सराहना होती रहती है। यह कवरेज उनकी पहचान के तौर पर जुड़ चुकी है। उन्होंने अपनी किताब 2014: The Election That Changed India में भी गुजरात दंगों के दौरान अपनी कवरेज का विस्तार से जिक्र किया है।