गोरखपुर हादसा: बच्चों के लिए ‘मसीहा’ बने डॉ. कफील खान को हटाए जाने पर एम्स के डॉक्टर्स एसोसिएशन ने की निंदा

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गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के तीसरे दिन रविवार(13 अगस्त) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा गोरखपुर पहुंचे। अस्पताल का निरीक्षण किया और अधिकारियों से रिपोर्ट ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना में दोषियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई होगी कि मिसाल बनेगी।

(AFP)

सीएम योगी के BRD अस्पताल दौरे से ठीक बाद हादसे के बाद पीड़ितों के लिए मसीहा बने अस्पताल के वाइस प्रिंसिपल और सुपरिटेंडेंट डॉक्टर कफील खान को ड्यटी से हटा दिया गया। बता दें कि इससे पहले मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को निलंबित कर दिया गया था।

डॉक्टर कफील खान BRD अस्पताल में इंसेफेलाइटिस विभाग के इंचार्ज थे। साथ ही उनके पास कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल और अस्पताल अधीक्षक भी जिम्मेदारी थी। हालांकि, कफील खान को हटाए जाने का अभी तक कोई कारण नहीं बताया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कफील को BRD मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक्‍स विभाग के नोडल अफसर पद से हटा दिया गया है। उनकी जगह डॉ भूपेन्‍द्र शर्मा को पीडियाट्रिक्‍स विभाग का नया नोडल अफसर नियुक्‍त किया गया है। वहीं, अंबेडकर नगर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, डॉ पीके सिंह को बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अतिरिक्‍त प्रभार सौंपा गया है।

डॉक्टरों ने उठाए सवाल

कफील पर की गई कार्रवाई का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। इस बीच एम्स के रिजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कफील खान को हटाए जाने को लेकर कड़ी निंदा की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भारती ने एनडीटीवी से कहा कि हमने पहले ही कहा था कि इस हादसे के लिए अकेले डॉक्टर जिम्मेदार नहीं हैं। इसमें स्वास्थ्य सचिव, प्रिंसिपल सभी की जवाबदेही होनी होती है। उन्होंने कहा कि डॉ. कफील को एक बलि का बकरा बनाया जा रहा है।

दरअसल, शनिवार को सोशल मीडिया पर कफील खान की जमकर सराहना हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के वक्त अगर डॉ. काफिल खान अस्पताल में मौजूद नहीं होते तो मरने वाले बच्चों की संख्या और भी बढ़ सकती थी। अंग्रेजी वेबसाइट डीएनए इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जब अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म हो गया तो कफील खान ने अपने दोस्त के नर्सिंग होम से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाये।

वहीं, स्थानीय अखबारों में छपी खबरों कि माने तो गुरुवार की रात करीब 2 बजे अस्पताल से फोन आया कि ऑक्सीजन खत्म होने को है। उस वक्त अस्पताल में इन्सेफेलाइटिस से पीड़ित करीब 400 बच्चे भर्ती थे। यह शब्द सुनते ही कफील खान घबरा गए और अपने ड्राइवर को रात में ही जगाया।

कफील आनन-फानन में अपने दोस्त के निजी क्लिनिक में पहुंचे। यहां से ऑक्सीजन का तीन जंबो सिलेंडर लेकर के सीधे बीआरडी अस्पताल पहुंचे। फटाफट ऑक्सीजन का सिलेंडर पाइप से जोड़ा गया और मौत से जूझ रहे बच्चों को राहत मिल गई। इतने सारे बच्चों के बीच महज तीन सिलेंडर कितनी देर चलता, सुबह होते-होते ऑक्सीजन फिर से खत्म हो गया।

 

 

 

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