AAP विधायक अलका लांबा ने दिए कांग्रेस में शामिल होने के संकेत

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आगामी लोकसभा चुनाव से ठिक पहले दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) को एक बड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि पार्टी की नेता व चांदनी चौक से विधायक अलका लांबा ने कांग्रेस में जाने के संकेत दिए हैं। अलका लांबा ने कहा है कि अगर कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के लिए उनसे संपर्क किया जाता है तो वह प्रस्ताव पर विचार करेंगी।

अलका लांबा

अलका लांबा ने शुक्रवार को ट्वीट कर लिखा, “5 साल पहले दिल्ली में बीजेपी को हराने के लिए मैंने काँग्रेस का 20 साल पुराना साथ छोड़ा, बीजेपी हारी। आज जब देश में बीजेपी को हराने की बारी आई है तो 5 साल का साथ छोड़ना गलत कैसे?? आज देख कर ख़ुशी हो रही है कि AAP और मैं दोनों कांग्रेस के हाथ मजबूत करते हुए बीजेपी को हारता हुआ देखना चाहते हैं।

अलका ने कांग्रेस में शामिल होने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘कांग्रेस से मुझे अभी ऐसा कोई प्रस्ताव (कांग्रेस में शामिल होने का) नहीं मिला है। लेकिन, ऐसा कोई प्रस्ताव आता है तो मेरे लिए यह सम्मान की बात होगी।’ यही नहीं अलका ने कहा कि मैंने कांग्रेस को अपने 20 साल दिए थे। लांबा ने कहा, ‘कांग्रेस को इस संबंध में फैसला लेना है। बिन बुलाए मेहमान का कहीं भी स्वागत नहीं होता।’ कांग्रेस को 20 साल देने के बयान से यह अर्थ निकाला जा रहा है कि वह कुछ ही दिनों में कांग्रेस का दामन थाम सकती हैं।

दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी अलका लांबा की घर वापसी की इच्छा का स्वागत किया है। दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने कहा कि अलका लंबा हमारी फैमिली की मेंबर रही हैं अभी दूसरी पार्टी में है जो लोग वापस आना चाहते हैं हम उन सबका स्वागत करेंगे। चाको ने कहा कि अलका लांबा मूल रूप से कांग्रेस फिलॉसफी की रही हैं जो लोग पार्टी छोड़ कर गए थे आज या कल वह लोग पार्टी में वापस आ रहे हैं।

आपको बता दें कि 2014 में आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले अलका लांबा कांग्रेस में 20 साल रह चुकी हैं। वह कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई से पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की अध्यक्ष बनीं थी। 2003 में उन्होंने मोती नगर विधानसभा सीट से बीजेपी नेता मदन लाल खुराना के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गईं थी।

बता दें कि पिछले दिनों ऐसी ख़बरे आई थी कि अलका लांबा पार्टी नेतृत्व से पिछले कुछ समय से नाराज चल रहीं है। हाल ही में अलका लांबा ने पार्टी नेतृत्व पर उन्हें कमज़ोर करने का आरोप लगाते हुए पूछा था कि उन्हें कमज़ोर करके पार्टी को क्या लाभ होगा?

उल्लेखनीय है कि हाल ही में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भारत रत्न सम्मान वापस लेने सम्बंधी आप विधायकों के विधान सभा में पेश कथित प्रस्ताव का विरोध करने के बाद से लांबा से पार्टी नेतृत्व नाराज़ है। पिछले साल दिसंबर में खबर आई थी कि आम आदमी पार्टी ने विधायक अलका लांबा से उनकी विधायकी और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा मांगा था। हालांकि, बाद में आप ने इस दावे को खारिज कर दिया था।

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