हिंदी के प्रसिद्ध गीतकार-कवि गोपाल दास नीरज का गुरुवार (19 जुलाई) को निधन हो गया। पद्मभूषण कवि गोपालदास नीरज का गुरुवार शाम दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हुआ। वह 93 वर्ष के थे।
नीरज को फेफडों में संक्रमण की वजह से बीते मंगलवार की रात आगरा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। तबीयत में सुधार नहीं होने की वजह से उन्हें आगरा से दिल्ली के एम्स लाया गया था, जहां गुरुवार शाम शाम सात बजकर 35 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।
गोपाल दास को हिंदी के उन कवियों में शुमार किया जाता है जिन्होंने मंच पर कविता को बेहद लोकप्रिय किया। नीरज को उनके गीतों के लिए भारत सरकार ने देश के तीसरे नंबर पद्मभूषण और पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। इसके अलावा यूपी की समाजवादी सरकार ने भी उन्हें यश भारती पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया था।
उनके पुत्र शशांक प्रभाकर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि आगरा में प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें कल दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका।
उन्होंने बताया कि उनकी पार्थिव देह को पहले आगरा में लोगों के अंतिम दर्शनार्थ रखा जाएगा और उसके बाद पार्थिव देह को अलीगढ़ ले जाया जाएगा जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।