लाइव शो में दुनिया ने देखा शाजिया इल्मी का अहंकारी व्यवहार और पूर्वाग्रह से ग्रस्त मानसिकता को

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इसके बाद रिफत जावेद ने उनके इस आरोप का जबरदस्त खंडन करते हुए उनसे माफी मांगने को कहा लेकिन वह अपनी बात पर अड़ी रही और दर्शाने लगी कि जिस मुद्दे पर वह चाहेगी केवल उसी पर बात हो और जो उस पर बात नहीं करेगा वो आम आदमी पार्टी का प्रवक्ता है। स्टूडियों में बैठे सभी मेहमानों ने उनके इस व्यवहार का जबरदस्त विरोध किया। लेकिन शाजिया इल्मी को समझ ही नहीं आ रहा था कि वो क्या कह रही है और दूसरा क्या कह रहा है।

यहां तक कि वह कार्यक्रम को होस्ट करने वाले समीर अब्बास को किसी और नाम से पुकारने लगी कार्यक्रम के बीच में ही समीर ने कहा कि मेरा नाम समीर अब्बास है। कांग्रेस प्रवक्ता ने भी शाजिया इल्मी के इस तानाशाही व्यवहार पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि आप किसी की बात सुन ही नहीं रही केवल अपनी मर्जी के सवालों पर चर्चा को आगे बढ़ाना चाहती है। शाजिया के भाषाई स्तर पर कड़ा ऐतराज जताते हुए लाइव शो में कड़ी आलोचना की गई लेकिन शाजिया इल्मी ने बिना इस बात की परवाह किए हुए उनको दुनियाभर में देखा जा रहा है तानाशाही रवैया अपनाए रखा।

उनके इस व्यवहार से आहत होकर ऐंकर समीर अब्बास ने कहा कि क्या आप अपने सवाल मेरे मुंह में रख देगी। शाजिया शो में दिखा रही थी कि जो वो चाहे वहीं हो, जिसे वो पसन्द करें केवल वहीं पुछा जाएं। उनकी मर्जी के खिलाफ कोई जाएगा तो वह आम आदमी पार्टी का नुमाइन्दा होगा।

रिफत जावेद पर प्रवक्ता होने का आरोप लगाने के बाद भी वह आखिर तक इस बात पर अडिग रही जबकि रिफत जावेद ने उनकी बात का जवाब देते हुए कहा कि मै 13 साल से लंदन में था मुझे नहीं पता शाजिया इल्मी की पत्रकारिता की पृष्ठभूमि क्या है लेकिन पत्रकारिता में रहते हुए राजनीति की दुकान चमकाना इनकी आदत हो सकती है, मेरी नहीं।

आपको बता दे कि शाजिया पूर्व में आम आदमी पार्टी में रही थी लेकिन बाद में वह पार्टी बदलकर बीजेपी में शामिल हो गई। आमतौर पर ऐसे लोगों की संख्या इन दिनों बहुतायात देखी जाती है जो अपने फायदे के लिए लगातार पार्टिया और विचारधारा बदलकर इधर-उधर घुमते रहते है।

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