राजेन्द्र सुरेश
मै दिल्ली के स्वास्थय मंत्री, मुख्यमंत्री व् उप मुख्यमंत्री जी का ध्यान सरकारी अस्पताल LNJP में मरीजो की व्यवस्था और अपने साथ हुए एक अनुभव व् सबूत के तौर पर फोटो भी शेयर कर रहा हूँ।
25 जनवरी की रात को मेरी मम्मी को सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी तो मै उनको लेकर GB पन्त हॉस्पिटल में इमरजेंसी में लेकर गया। वहां डॉक्टर्स ने कुछ इंजेक्शन व् मेडिसिन देने के बाद LNJP में मेडिसिन इमरजेंसी में रेफेर कर दिया। वहां ले जाने पर मुझे बहुत ही आश्चर्य हुआ की हमारी Delhi की सरकारी हॉस्पिटल की व्यवस्था एकदम चरमराई हुयी है।
कुछ बिन्दुओ का उल्लेख कर रहा हूँ
1. इमरजेंसी के गेट पर व्हीलचेयर व् स्ट्रेचेर की व्यवस्था ठीक नहीं है।
2. ड्यूटी पर डॉक्टर्स सो रहे हैं।
3 स्टाफ नर्सेज candy crush खेल रहे थे।
4 इमरजेंसी से वार्ड में शिफ्ट करने के लिए पर्याप्त स्ट्रेचेर नहीं है 1 में 4 लोगो को ले जाते है।
5. सफाई का आलम आप टॉयलेट की फोटो देख कर अंदाजा लगा सकते है। ( गन्दगी का ये आलम कि तस्वीरें आप को विचलित कर देंगी। इस लिए हम इसे यहां नही डाल रहे हैं)
6. मरीजों को दिक्कत होने पर उनके attendent द्वारा नर्स को बुलाने पर उनका रुखा व्यवाहार व् आधे आधे घंटे तक मरीज़ के पास ना आना।
7. इमरजेंसी में तीसरी मंजिल में कई ब्लाक हैं मरीज़ के लिए लेकिन स्टाफ को ज्यादा इधर उधर चलना ना पड़े इसिलए सिर्फ आगे के दो ब्लाक में एक बेड पर 3 मरीजों को बैठाकर ग्लुकोसे चढ़ाया जाता है और पीछे वाले ब्लाक में सारे बेड खाली रहते हैं।
8. रात को 12.28 से सुबह 5 बजे तक उनको वही बैठा रखा ब्लड टेस्ट किया, कुछ इंजेक्शन दिया पर मम्मी को आराम नहीं आया तब फिर मै उनको लेकर चला गया।
9. सफाई वयस्था इतनी खराब है की स्वस्थ व्यक्ति भी वहाँ रहकर बीमार हो जाये
मंत्रीगण कृपया कुछ कीजिये।