मुम्बई में मनसे की गुंडागर्दी का स्तर अब इस दौर में आ गया है कि खुद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को समझौता कराना पड़ता है। धमकी देने वाले राज ठाकरे और करन जौहर के बीच। जबकि पूर्व मुम्बई पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह सुबह ही बयान देते है कि धमकी देने और कानून को तोड़ने वालो को जेल में होना चाहिए लेकिन मुख्यमंत्री ऐसे लोगों को बुलाकर समझौता कराते है।
करन जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज को लेकर मनसे ने प्रर्दशन ना करने की धमकी दी थी और सिनेमाघरों में तोड़फोड़ करने की बात कही थी क्योंकि इससे पहले भी वह इस तरह की कार्यवाही को अंजाम दे चुके।
पूरे मामले में देवेन्द्र फड़नवीस मनसे प्रमुख राज ठाकरे और करन जौहर के बीच समझौता कराते है। जहां राज ठाकरे करन जौहर पर 5 करोड़ का जुर्माना लगाते है और कहने है किसी भी फिल्ममेकर ने यदि पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम किया तो उसे भी देना होगा 5 करोड़ का जुर्माना। ये राशि सेना फंड में जमा करा दी जाए। इतना ही नहीं फिल्म से पहले सेना के लिए स्पेशल श्रद्धांजलि का वीडियो भी दिखाना होगा।
एक टीवी कार्यक्रम में पत्रकार राहुल कंवल जब देवेन्द्र फड़नवीस से जब सवाल करते है कि आप धमकी देने वाले को बुलाकर कैसे समझौता कर सकते है उसे जेल में बंद क्यों नहीं करते क्योंकि अभी थोड़ी देर पहले आपके पूर्व मुम्बई पुलिस कमिश्नर कहते है कि सरकार कमजोर है जो ऐसे लोगों बाचतीत करती है जबकि इनको बंद कर देना चाहिए तब इस पर पत्रकार को जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कमाल ही कर देते है वो कहते है ये लोकतंत्र है और लोकतंत्र में बाचतीच से ही हल निकाला जाता है। कानून अपनी जगह है। करन जौहर जो रकम दे रहे है वो अपनी श्रद्धा से दे रहे है उन पर कोई ज़बरदस्ती नहीं है। जबकि राज ठाकरे हर चैनल पर 5 करोड़ के ज़बरदस्ती जुर्माने की बात को दोहरा रहे है।
अब सवाल उठता है कि इस तरह के आदेश थोपने वाले राज ठाकरे कौन होते है। यहां वह लोकतंत्र और कानून से भी बड़े हो गए है जिसके लिए एक मुख्यमंत्री को अपने घर में बुलाकर पटाने की जरूरत पड़ती है।