बूढ़े बाप की आँखों में आंसू थे। साथ में गर्व भी। गर्व के साथ उनके चेहरे से दुःख के आसार झलक रहे थे। एक अन्याय हो रहा था। कोई हमेशा के लिए रुखसत हो रहा था। जवान बेटा ऑन ड्यूटी देश के लिए क़ुर्बान हो गया। पर किसे फ़र्क़ पड़ता है, क्योंकि वो मुस्लिम था।
केन्द्र की बीजेपी सरकार शहीदों के नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंक रही है। सरकार शहीदों को भी हिन्दू-मुसलमान के चश्में से देख रही है। इसका उदाहरण हैं 2 नवम्बर 2016 को कश्मीर बाॅर्डर पर दिन के 12 बजे अपने अधिनस्त रिक्रूटों के साथ दुश्मनों का मुकाबला करते हुए आजमगढ़ मण्डल घोसी के रहने वाले रजीउद्दीन दानिश खान ने अपनी जान की कुर्बानी दे दी। और तिरगें में लिपट कर अपने घर आए, लेकिन दानिश का दुर्भाग्य कि वो एक मुसलमान सैनिक था और सत्तारूढ़ सरकार का मुसलमानों के साथ जैसा व्यवहार होना चाहिए था, सरकार ने बिल्कुल वो ही किया। दानिश के जनाजे में ना सरकार का कोई मंत्री, ना प्रतिनिधी, ना शहर का डीएम, ना एस एस पी। कोई नहीं दिखा। क्योंकि एक मुस्लिम शहिद के जनाज़े में सरकार या उसके अफसरों और नुमाइन्दगों की कोई दिलचस्पी नहीं हैं।
आपको बता दे कि दानिश अपने घर मे सबसे बड़े थे और आजमगढ़ के शिबली कॉलेज से पढ़ने के बाद मुल्क की खिदमत करने के लिए फौज मे शामिल हो गए। अभी 8 महीना पहले ही इनकी शादी हुई थी। इनसे छोटे दो भाई और हैं जिसमे एक यू पी पुलिस मे है तो दूसरा इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। दानिश के जनाज़े के वक्त उसके वालिद के चहरे पे फख्र के साथ बेबसी भी थी।
दानिश खान की शहादत में मीडिया ने भी अपनी दिलचस्पी नहीं दिखाई और जब स्थानीय मीडियाकर्मियों को इस बात का पता चला तो वह दानिश के पिता से पुछने आए कि क्या आपका बेटा शहीद माना जाएगा? यह सुनते उनका सर चकरा गया। इतना शर्मनाक सवाल, शहीद दानिश खान के पिता ने मीडिया वालों को जवाब में कहा-मेरे बेटे को क्या कहा जायेगा, क्या नही, मुझे नही पता, मैं सिर्फ इतना जानता हूँ बेटा मेरा 13 साल से देश की सेवा कर रहा था। देश की सेवा में कुर्बान हो गया। इससे ज्यादा मुझे कुछ नही चाहिए। बाकी अन्याय हमारी किस्मत है।
सैनिक का कोई धर्म नहीं होता अब यही सरकार सैनिकों की शहादत पर धर्म के हिसाब से तव्वजों दे रही हैं। अगर ये शव किसी रामसिंह, या कृष्णप्रसाद का होता तो अब तक सरकार की तरफ से लाखों रूपये के मुआवजे का ऐलाना हो चुका होता लेकिन यहां एक सैनिक का दुर्भाग्य है कि उसका नाम दानिश खान है।

















