नीलेश पुरोहित
आप रोजाना सोशियल मिडिया जैसे फेसबुक, ट्विट्टर, व्हाट्सएप्प पर तरह तरह की न्यूज़, सूचनाओं से रूबरू होते हैं. क्या अपने कभी सोचा कि सोशियल मिडिया के इस अथाह महासागर में आखिर वह कौन लोग हैं जो गलत सूचनाएं प्रसारित करते हैं ?
वह कौन लोग हैं जो कई बार किसी व्यक्ति विशेष पर गलत सूचनाएं, ट्रिक फोटोज़ और फ़र्जी वीडियो चलाते हैं ?
आज मैं आपको सोशियल मिडिया के कुछ ऐसे फेसबुक एकाउंट्स, ट्विट्टर हैंडल और पेजेस के बारे में बताता हूँ जो पिछले लंबे समय से सोशियल मिडिया में गलत सूचनाएं और फ़र्जी न्यूज़ चलाने के लिए बदनाम रहे हैं.
आपको बता दूँ कि यह फेसबुक एकाउंट्स, ट्विट्टर हैंडल और पेज देश में मौजूद राजनितिक दलों और नेताओं के समर्थन और विरोध में चलाये जा रहे हैं.
लेकिन राजनितिक पोस्ट्स से हटकर अक्सर इन फेसबुक एकाउंट्स, ट्विट्टर हैंडल और पेज में ऐसी सामग्री प्रचारित की जाती हैं जो ना सिर्फ सोशियल मिडिया बल्कि कई बार बाहरी दुनिया में माहौल खराब करने का कार्य करती हैं.
किसी भी मुद्दे पर हम सभी की अपनी अपनी अलग राय हो सकती हैं, किसी भी मुद्दे पर अपनी सोच के साथ अपनी बात रखने की इजाजत देश का संविधान भी देता हैं लेकिन क्या हो जब अभिव्यक्ति की आजादी हद पार करके अभिव्यक्ति के पटल के माहौल को खराब करें?
अगर आप नरेन्द्र मोदी के समर्थक हैं तो आप ज़रूर यह शिकायत करेंगे कि सोशियल मिडिया में आम आदमी पार्टी के समर्थक संवाद में भाषा की गरिमा को गिरा देते हैं, और अगर आप आम आदमी पार्टी या कांग्रेस के समर्थक हैं तो आपकी शिकायत हो सकती हैं की भाजपा के समर्थक सोशियल मिडिया में संवाद के दौरान गाली गलौज का इस्तेमाल करते हैं.
आज की तारीख में अधिकांश पत्रकार को सोशियल मिडिया में लोगों से अपशब्दों और तिरस्कार का सामना करना पड़ता हैं.
यह चलन हमेशा से नहीं था, बल्कि पिछले तीन वर्षों में ज्यादा बढ़ गया हैं. मैं याद कर रहा हूँ वह समय जब दिल्ली में अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के विरुद्ध लोकपाल कानून के लिए हुंकार भर रहे थे तब कांग्रेस पार्टी के समर्थक उनपर कई सवाल उठाते थे, वहीँ तत्कालीन विपक्ष भाजपा उनके पक्ष में सोशियल मिडिया में एक मज़बूत स्टैंड लेती थी. आप चौंक जायेंगे कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी खुद अन्ना और केजरीवाल के समर्थन में ट्विट कर लोगों से सहयोग माँगा था.
आज समय बदल गया हैं, तब का विपक्ष आज सत्ता पक्ष में बैठा हैं, और तब कि सरकार आज विपक्ष में.
आज नरेन्द्र मोदी के काम काज पर सवाल उठाने वाले व्यक्ति पर सोशियल मिडिया में ऐसा हल्ला बोला जाता हैं जैसे उसने कोई बेहद गंभीर अपराध कर दिया हो, आज अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करने वाले को तुरंत मोदी “भक्त” नाम से अलंकृत कर दिया जाता हैं.
अगर आप जेएनयू के छात्र कन्हैय्या के साथ हमदर्दी रखते हैं तो आपको भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों द्वारा देशद्रोही और अफजल गैंग जैसे शब्दों से नवाजा जाएगा.
सवाल हैं कि आखिर सोशियल मिडिया में आखिर वह कौन लोग हैं जो ऐसे खतरनाक और बचकाने मापदंड बनाते हैं ?
अगर आप भी ऐसे लोगों के संगठन में शामिल हैं, तो ज़रा सोचिये कि आप दरअसल कर क्या रहे हैं ?
कुछ स्क्रीन शोट्स को देखिये कि कैसे सोशियल मिडिया में एक विचार धारा का रूप ले लेता हैं.
हम यह खबर इसलिए दिखा रहे हैं ताकि आपके साथ हर उस व्यक्ति को उस स्तोत्र के बारे में पता चले जहाँ से किसी भी व्यक्ति विशेष के बारे में
अफवाह का जन्म होता हैं, यह ग्रुप्स न सिर्फ विरोधी लोगों को बदनाम करते हैं बल्कि अपने नेताओं के बारे में भी गलत सूचना प्रसारित करके उनके बारे में
झूठी महिमा मंडन करते हैं.
हाल ही मैं उतराखंड हाईकोर्ट के जस्टिस जोसेफ के. को लेकर भी पार्टी विशेष के समर्थकों ने सोशियल मिडिया में बेहद आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया
जिसकी कड़ी शब्दों में निंदा की जानी चाहिए.
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