कांग्रेस ने पूर्व सैनिकों को झुनझुना थमाया वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मात्र 15 महीने में ही पूर्व सैनिकों की मांग पूरी कर दी

0

सुशील कुमार मोदी

OROP लागू करने एवं बोधगया को आध्यात्मिक राजधानी बनाने की घोषणा करने के लिए प्रधानमंत्री जी को बधाई

जन्माष्टमी के पावन दिन बोधगया के विश्व प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना कर दुनिया को शांति व अहिंसा का संदेश देने और पूर्व सैनिकों की वन रैंक, वन पेंशन, की 42 वर्ष पुरानी मांग को पूरी कर उनकी सेवा व बहादुरी को सम्मान देने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई के पात्र हैं

15 महीने बाद बिहार की याद आने का प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने वाले नीतीश कुमार और लालू यादव अब इसलिए परेशान हो गए हैं कि पिछले एक महीने में प्रधानमंत्री पांच बार बिहार आ चुके हैं जबकि प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह 10 वर्षों में दो बार मात्र कुछ मिनटों के लिए बिहार आ पाए थे। प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1.25 लाख करोड़ के पैकेज में जहां बोधगया से लेकर वैशाली तक बुद्धिस्ट सर्किट के विकास का विशेष प्रावधान किया गया है वहीं आम बजट में गया को विश्व विरासत शहर की श्रेणी में शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री ने शनिवार को अपनी यात्रा के दौरान बोधगया को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधा प्रदान कर उसे दुनिया के तमाम बौद्धों की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित करने का संकल्प व्यक्त किया जिससे जहां बौद्धों की सांस्कृतिक-आध्यात्मिक जरूरतें पूरी होंगी वहीं बिहार के विकास को भी नई गति मिलेगी। ई-वीजा की सुविधा और पहली सितम्बर से नई दिल्ली-बोधगया के बीच नियमित हवाई सेवा शुरू होने से विदेशी पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी होगी जिसका रोजी-रोजगार व आय के रूप में सीधा लाभ बिहार को मिलेगा।

स्व. इंदिरा गांधी के कार्यकाल में 1973 से पूर्व सैनिकों की वन रैंक, वन पेंशन की मांग लम्बित चली आ रही थी। शासन का सर्वाधिक मौका मिलने और पिछले 10 वर्षों तक लगातार केन्द्र में रहने के बावजूद कांग्रेस ने आखिरी वर्ष 2014-15 के बजट में मात्र 500 करोड़ रुपये का प्रावधान कर पूर्व सैनिकों को झुनझुना थमाया वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में ही 8 से 10 हजार करोड़ के संभावित खर्च के बावजूद पूर्व सैनिकों की मांग पूरी कर दी है।

वहीं प्रधानमंत्री ने बोधगया की यात्रा कर बिहार के विकास में एक नया आयाम जोड़ा है जिससे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद का बेचैन होना स्वभाविक है।

सुशील कुमार मोदी बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता है और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं

This has been taken from Sushil Kumar Modi’s Facebook page

 

Previous articleShahid Kapoor brings coffee beans for his contestants of Jhalak Reloaded from his honeymoon trip
Next articlePM Modi to inaugurate Delhi-Faridabad Metro service on Sunday