जब ZEE न्यूज़ ने मेरे पिता और विख्यात कवि गौहर रज़ा को देशद्रोही घोषित कर दिया

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साहिर रज़ा

ऐसा काफी लम्बे समय के बाद हुआ है जब मुझे किसी घटना ने कुछ लिखने को मजबूर किया है। और जब ZEE न्यूज़ आप के पिता को राष्द्रोही घोषित कर देता है तो फिर लिखने केलिए ये एक विशेष मौक़ा तो बन ही जाता है।

यहाँ पर मुझे नहीं लगता कि मुझे अपने पिता का बचाव करना चाहिए क्यूंकि मैं ये ज़रूरी नहीं समझता।

इसके जवाब में मैं अपने पिता द्वारा लिखी एक कविता आपके साथ साझा कर रहा हूँ । इसे पढ़िए और शेयर कीजिये।

#IStandWithGauharRaza

‘धर्म में लिपटी वतन परस्ती क्या क्या स्वांग रचाएगी
मसली कलियाँ, झुलसा गुलशन, ज़र्द ख़िज़ाँ दिखलाएगी

यूरोप जिस वहशत से अब भी सहमा सहमा रहता है
खतरा है वह वहशत मेरे मुल्क में आग लगायेगी

जर्मन गैसकदों से अबतक खून की बदबू आती है
अंधी वतन परस्ती हम को उस रस्ते ले जायेगी

अंधे कुएं में झूट की नाव तेज़ चली थी मान लिया
लेकिन बाहर रौशन दुनियां तुम से सच बुलवायेगी

नफ़रत में जो पले बढे हैं, नफ़रत में जो खेले हैं
नफ़रत देखो आगे आगे उनसे क्या करवायेगी
फनकारो से पूछ रहे हो क्यों लौटाए हैं सम्मान
पूछो, कितने चुप बैठे हैं, शर्म उन्हें कब आयेगी

यह मत खाओ, वह मत पहनो, इश्क़ तो बिलकुल करना मत
देश द्रोह की छाप तुम्हारे ऊपर भी लग जायेगी

यह मत भूलो अगली नस्लें रौशन शोला होती हैं
आग कुरेदोगे, चिंगारी दामन तक तो आएगी’

-गौहर रज़ा
#IStandWithGauharRaza

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