जस्टिस मार्कण्डेय काटजू
एक बार हिंदुस्तान में एक गिद्द के बच्चे ने अपने बाप से कहा
“पिताश्री, मुझे इंसान का गोश्त खाना है”. गिद्द बच्चे के लिए सुअर का गोश्त ले आया।
बच्चे ने कहा “मगर यह तो सुअर का गोश्त है” और यह कह कर खाने से इनकार कर दिया।
तब गिद्द बच्चे के लिए गाय का गोश्त ले आया
बच्चे ने कहा “मगर यह तो गाय का गोश्त है” और यह कहकर खाने से इंकार कर दिया
तब गिद्द गया और सुअर के गोश्त को मस्जिद में, और गाय के गोश्त को मंदिर में रातों रात फेक आया
अगले दिन इंसानों की लाशें शहर में बिछ गयीं, और गिद्द के बच्चे ने कई हफ्ते जम के खाया
उसके बाद उसने अपने बाप से कहा “पिताश्री, इतनी सारी लाशें इतनी जल्दी कैसे मिल गयीं ?”
गिद्द ने कहा “बेटा, यह हिंदुस्तान है, जैसा कि एक मनफिरे जज ने कहा था, यहां 90% लोग पागल होते हैं”
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