सोशल मीडिया पर एक चंडीगढ़ की रहने वाली उपमा विर्दी भारतीय चायवाली छा हुई है। ऑस्ट्रेलिया में पेशेवर वकील हैं लेकिन अपनी नौकरी से वक्त निकालकर यहां के लोगों को चाय परोसती हैं।
उपमा की मसाला चाय इतनी खास है कि इसका स्वाद देशी और विदेशी सबकी जुबान पर चढ़ गया है। उपमा एक कंपनी में बतौर कानून सलाहकार काम करती हैं।
26 साल की उपमा विरदी खुद को चायवाली कहती हैं और इन्होंने पिछले हफ्ते ऑस्ट्रेलिया के भारतीय बिज़नेस समुदाय का IABCA अवॉर्ड जीता है। वैसे पेशे से तो उपमा एक वकील हैं लेकिन उन्हें यह पुरस्कार वकालत के लिए नहीं, बल्कि अपनी चाय बनाने की कला के लिए दिया गया है।
ऑस्ट्रेलिया के सरकारी टीवी नेटवर्क एसबीएस से हुई बातचीत में विरदी ने बताया कि जब वह पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया आईं तब उन्हें घर की बनी चाय की बहुत याद आने लगी और तभी से उनका चाय को लेकर प्रेम भी बढ़ने लगा।
इसके बाद वह चाय की वर्कशॉप भी लेने लगीं जिसमें वह लोगों को अच्छी चाय बनाने के गुर भी सिखाती हैं। जहां तक ‘चायवाली’ संबोधन की बात है तो विरदी कहती हैं कि पहले पहल उनके माता पिता को इस पेशे से भी आपत्ति हुई ‘लेकिन मैंने उन्हें समझाया कि वह दुनिया को दिखा देना चाहती हैं कि चायवाले भी कुछ कर सकते है।’ विरदी ने यह भी कहा कि वह कॉफी पीने वाले देश में मसाला चाय की अहमियत लोगों को बताना चाहती हैं।