महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान के बाद अब भाजपा शासित चौथे राज्य छत्तीसगढ़ ने भी मीट पर बैन लगा दिया है। इसकी घोषणा राज्य सरकार ने तब की है जबकि मुंबई में मीट के ऊपर लगे बैन को लेकर व्यापारियों ने काफी रोष जताया है जहां भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार है।
सबसे पहले महाराष्ट्र में ऐसा कदम उठाया गया जहां पर 8 दिनों के लिए मीट पर बैन की मांग की गई। इसे लेकर काफी विरोध किया जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच जो महत्वपूर्ण बात है वह यह है कि ऐसा बैन 1954 से ही लगाया जा रहा है लेकिन दिनों की संख्या कम होती थी। लेकिन 8 दिनों के बैन को लेकर काफी लोगों में रोष देखा गया है। साथ ही कुछ मुस्लिम लोगों का कहना है कि अगर जैन समुदायों और हिन्दू समुदायों को लेकर त्योहारों में मीट पर बैन किया जा सकता है तो फिर राज्य सरकार मुस्लिम के पाक महीने रमजान में क्यों नहीं शराब के ठेकों को एक महीने के लिए बंद करते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बैन को लेकर कहा गया है कि जैन समुदायों द्वारा मनाए जा रहे पर्यूषण पर्व को लेकर ऐसा कदम उठाया गया है। गौरतलब है कि यह फैसला उस वक्त आया है जबकि आज महाराष्ट्र में मटन बैन को लेकर कोर्च फैसला सुनाने वाली है।
इससे पहले राजस्थान सरकार भी मीट को पर्यूषण का हवाला देते हुए कहा था कि 17 और 18 सितम्बर को मीट की दुकानें बंद रखी जाएंगी। साथ ही 27 सितम्बर को भी अनंत चतुर्दशी के दिन मीट को बैन किया गया है। लेकिन राजस्थान में यह बैन 2008 से ही चला आ रहा है जब कांग्रेस साशित अशोक गहलोत की सरकार थी।
इसी तरह गुजरात के अहमदाबाद में भी बैन लगाया गया है इस सन्दर्भ में अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर शिवानंद झा का कहना है कि जैन समुदाय के त्योहार के कारण हर साल यहां इस तरीके के बैन लगाए जाते हैं।
इन सबके बीच जम्मू-कश्मीर में भी बीफ को बैन किया गया है जिसके कारण स्थानिय निवासियों में आक्रोश है औऱ हिंसा भड़कने की भी आशंका है।