पी चिदंबरम का मोदी सरकार पर हमला कहा, लघु व मध्यम उद्यम क्षेत्र की 80 प्रतिशत इकाइयां नोटबंदी के कारण बंद हो गई

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पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नोटबंदी के बाद ज्यादातर जन धन खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया।

चिदंबरम नोटबंदी का विरोध करते रहे हैं। चिदंबरम ने यहां कोलकाता साहित्योत्सव में कहा, ‘साक्ष्यों से ऐसा संकेत नहीं मिलता कि जन धन खातों का थोक में इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया है। लगभग 25 प्रतिशत जन धन खातों में शून्य बैलेंस और बाकी में औसतन 27000 रु रूपये का बैलेंस था।’

भाषा की खबर के अनुसार, उन्होंने कहा कि हो सकता है इस तरह के खातों में से थोड़े खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया गया हो। चिदंबरम ने कहा, ‘नोटबंदी को लेकर मेरी वास्तविक लड़ाई इस बात पर है कि इतना बड़ा फैसला, जिसके बड़े व्यापक प्रभाव हो सकते हैं, किसी एक अकेले व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता।’

चिदंबरम ने कहा, ‘वित्त मंत्रालय के तीन सबसे महत्वूपर्ण अधिकारियों – वित्त सचिव, बैंकिंग सचिव व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बीते 70 दिन में एक शब्द भी नहीं बोला है। यह क्या साबित करता है?

या तो उनकी सलाह नहीं ली गई और अगर सलाह ली गई तो वे सहमत नहीं है।’ चिदंबरम ने दावा किया कि पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने नोटबंदी के प्रस्ताव के विरोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पांच पन्नों का नोट भेजा। इसके बाद उन्हें ‘बेआबरु’ करके बाहर का दरवाजा दिखा दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री को नोटबंदी की जल्दबाजी थी।’ चिंदबरम ने कहा कि इस नीति के कारण देश की जीडीपी वृद्धि को कम से कम एक प्रतिशत का नुकसान होगा।

उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की 80 प्रतिशत इकाइयां नोटबंदी के कारण बंद हो चुकी हैं।

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