वित्त मंत्रालय के पास नहीं है विजय माल्या को दिए कर्ज का रिकॉर्ड

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वित्त मंत्रालय के पास भारतीय बैंकों के कर्जदार और फरार शराब कारोबारी विजय माल्या को बैंकों द्वारा दिए गए कर्ज का रिकॉर्ड नहीं है। जी हां, वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय सूचना आयोग से कहा है कि उनके पास उद्योगपति विजय माल्या को दिए गए कर्ज के बारे में सूचना नहीं है। इस पर सूचना आयोग ने कहा कि मंत्रालय का जवाब ‘अस्पष्ट और कानून के अनुसार टिकने योग्य’ नहीं है। मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने राजीव कुमार खरे के आवेदन पर सुनवाई करते हुए वित्त मंत्रालय के अधिकारी से कहा कि आवेदक द्वारा दिए गए आवेदन को उचित लोक प्राधिकारी को स्थानांतरित किया जाए।

फाइल फोटो

न्यूज 18 के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के अधिकारी भले ही दावा करें कि उनके पास माल्या को विभिन्न बैंकों द्वारा दिये गए कर्ज या इन कर्ज के बदले में माल्या द्वारा दी गई गारंटी के बारे में सूचना नहीं है, लेकिन मंत्रालय ने अतीत में इस संबंध में सवालों का संसद में जवाब दिया था। उन्होंने कहा था कि, “साल 2009 में 8040 करोड़ रुपये के कर्ज को एनपीए घोषित किया गया और 2010 में एनपीए को रिस्ट्रक्चर किया गया।”

गंगवार ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था कि, “पीएसबी ने जैसा रिपोर्ट किया, कर्ज अदायगी में चूक करने वाले कर्जदार विजय माल्या की जब्त की गई संपत्तियों की मेगा ऑनलाइन नीलामी के जरिए बिक्री करके 155 करोड़ रुपये की रकम वसूल की गई है।”

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 17 नवंबर 2016 को नोटबंदी पर उच्च सदन में चर्चा के दौरान माल्या के कर्ज मुद्दे को ‘भयानक विरासत’ बताया था, जो राजग सरकार को पूर्ववर्ती संप्रग सरकार से विरासत में मिली थी। हालांकि, खरे को वित्त मंत्रालय से अपने आरटीआई आवेदन का जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने सीआईसी का दरवाजा खटखटाया था।

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