‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे को लेकर किए गए खुलासे के बाद राजनीतिक गलियारों में भूचाल आ गया है। कांग्रेस राफेल डील पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को बख्शने के मूड में नहीं हैं। ‘जनता का रिपोर्टर’ द्वारा उठाए गए सवाल के बाद सरकार और विपक्ष के बीच सौदे को लेकर घमासान जारी है। एक ओर जहां केंद्र सरकार इस सौदे को गोपनीयता का हवाला देकर सार्वजनिक करने से बच रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इसमें घोटाले का आरोप लगा रही है।
इसी बीच, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर शनिवार (10 नवंबर) को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा और तंज करते हुए कहा कि इस लड़ाकू विमान की कीमत सब जानते हैं लेकिन सरकार इसे राष्ट्रीय गोपनीयता का विषय कह रही है और इस बारे में उच्चतम न्यायालय को भी नहीं बता रही है।
राहुल गांधी ने शनिवार को एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘प्रधानमंत्री जानते हैं, अनिल अंबानी जानते हैं, फ्रांस्वा ओलांद जानते हैं और एमैनुएल मैक्रों भी जानते हैं। हर पत्रकार जनता है। रक्षा मंत्रालय के बाबू जानते हैं। पूरा दसाल्ट जानता है। दसाल्ट के सभी प्रतिस्पर्धी जानते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘लेकिन राफेल की कीमत राष्ट्रीय गोपनीयता है जिसका खुलासा सुप्रीम कोर्ट में भी नहीं हो सकता।’ राहुल गांधी ने जो खबर शेयर किया है उसके मुताबिक वायुसेना को मिल रहे 36 राफेल विमानों की कीमत पहले की प्रस्तावित कीमत से 40 फीसद अधिक है।
The PM knows.
Anil Ambani knows.
Hollande & Macron know.
Every journalist now knows.
Defence Ministry babus know.
All of Dassault knows.
All Dassault’s competitors know.But the price of the #RAFALE is a National Secret, that cannot be revealed even to the Supreme Court. https://t.co/1W8Z3JXQCc
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 10, 2018
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 अक्टूबर को केंद्र सरकार से कहा कि वह फ्रांस से खरीदे जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत की जानकारी उसे 10 दिन के भीतर सीलबंद लिफाफे में सौंपे। साथ ही इस पर सहमति जताई कि ‘‘सामरिक और गोपनीय’’ सूचनाओं को सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की तीन सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में सरकार को कुछ छूट भी दी।
सरकार ने सुनवाई के दौरान दलील दी थी कि इन लड़ाकू विमानों कीमत से जुड़ी सूचनाएं इतनी संवेदनशील हैं कि उन्हें संसद के साथ भी साझा नहीं किया गया है। न्यायालय ने कहा कि केंद्र सौदे के फैसले की प्रक्रिया को सार्वजनिक करे, सिर्फ गोपनीय और सामरिक महत्व की सूचनाएं साझा नहीं करे। पीठ ने कहा कि सरकार 10 दिन के भीतर ये सूचनाएं याचिकाकर्ताओं के साथ साझा करे।