केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। जाने माने वकील राम जेठमलानी के केस से अलग होने के बाद अब एक और वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप जॉर्ज चौधरी ने दिल्ली हाई कोर्ट में उनका प्रतिनिधित्व करने से मना कर दिया।समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, अनूप जॉर्ज चौधरी ने कहा कि उन्होंने केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव को पत्र लिखा है कि वह उनके मुवक्किल की तरफ से पेश नहीं होंगे। उन्होंने जेठमलानी की जगह ली थी। वरिष्ठ अधिवक्ता ने 12 फरवरी की सुनवाई का जिक्र करते हुए लिखा कि उस दिन उन्हें न्यायमूर्ति राजीव सहाय के सामने शर्मिंदा होना पड़ा।
चौधरी ने कहा कि उनके कुछ सवालों को न्यायाधीश की तरफ से टिप्पणी के साथ स्वीकार नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा वकील की तरफ से ब्रीफिंग की वजह से हुआ, क्योंकि उन्होंने उन्हें कुछ तथ्यों और अदालत के पिछले आदेशों के बारे में जानकारी नहीं दी थी।
पत्र में कहा गया है कि, ‘‘एक अन्य पीठ (न्यायमूर्ति मनमोहन) द्वारा डीडीसीए की बैठक के विवरण की पुस्तिका को मंगाने के संबंध में अपील पर दिए गए आदेश को मेरे संज्ञान में नहीं लाया गया। इस आदेश को मुझे पहली बार 12 फरवरी को मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत में दिखाया गया।’
उन्होंने कहा कि, ‘ब्रीफिंग में इस लचर और लापरवाह ढंग की वजह से मुझे भुगतना पड़ा और मैं निश्चित तौर पर इसका पक्ष नहीं बनना चाहूंगा।’ पत्र में कहा गया, ‘कृपया मुवक्किल केजरीवाल को मेरी मामले में आगे से पेश होने में अक्षमता के बारे में बता दें।’ बता दें कि इससे पहले देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी ने विवादास्पद परिस्थितियों में खुद को इस मामले से अलग कर लिया था।