दिल्ली के बाद कोलकाता में भी हालात गंभीर हो गए है हमारी संवाददाता के अनुसार मुर्शिदाबाद जिले के बरहामपुर में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों में कई लोग घायल हुए यहां तक की सीपीएम समर्थकों पर भी पथराव किया गया। हालत बिगड़ते देख पुलिस ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया। घायल लोगों की संख्या अधिक है और ईंट बल्लेबाजी की वजह से गंभीर भी जिसके लिए उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।
बुधवार को केंद्र के फैसलों से परेशान टैक्सी और ऑटो चालाक समेत ट्रेड यूनियंस वाले आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं ।
मंगलवार को भाजपा समर्थित बीएमएस और ऐनएफआईटीयू ने हड़ताल का बहिष्कार करने का फैसला किया था जिसमें आंदोलन खत्म करने की अपील भी की गई थी, हालांकि हड़ताल की चेतावनी चालकों ने पहले ही सरकार को दी थी पर सरकार की तरफ से कोई पहल नही हुई।
हड़ताल के कारण सुबह से आम लोगों को दिक्कतें हो रहीं हैं, ऐसे में मेट्रो और डीटीसी बसो में भीड़ उमड़ रही है।
भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) हड़ताल संगठनों से सरकार को बुनियादी मांगों पर अपने वादे को पूरा करने के लिए समय दिए जाने की मांग रख रही है। लेकिन सरकार द्वारा बनाए गए रोड ट्रांसपोर्ट सेफ्टी बिल 2014, तथा दिल्ली में आप सरकार बनने के बाद किए गए सभी वादों में से कोई भी वादा पूरा न हुए जाने से नाराज दिल्ली के ऑटो टैक्सी संगठनों ने इसका विरोध करते हुए पूरे दिन हड़ताल पर रहने का तय किया है, जिसका नतीजा सीधे सीधे आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है ।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेने वाले दस मुख्य ट्रेड यूनियन सीटू, इंटक, एटक, हिन्द मजदूर सभा, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, यूटीयूसी और ऐलपीएफ हैं।
केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के कहना है “मुझे नहीं लगता आवश्यक सेवाओं को इस हड़ताल का कोई भी फर्क पड़ेगा।”
ऑटो टैक्सी चालकों का कहना है की अवैध रूप से चलाए जाने वाले कैब्स के खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है जिसके वजह से कभी ट्रैफिक विभाग तो कभी ट्रैफिक पुलिस आए दिन परेशान करते हैं और साथ ही साथ किसी कारणवश कोई कागजात नहीं होने पर पाँच हज़ार रुपये तक का जुर्माना मांगते है। जो किसी भी तरह तर्कसंगत नहीं है।