‘जनता के सामने’ लाएंगे 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का सच : नीतीश कुमार

0

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बिहार को दिया गए 1.25 लाख करोड रुपये के विशेष पैकेज को लेकर राजनीति तेज हो गई है। इस सन्दर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उसका वे अध्ययन कर रहे हैं और उसमें वर्णित परियोजनाओं के सच को जनता के सामने जल्द ही लाएंगे। कुमार पटना स्थित अधिवेशन भवन में 19499.48 करोड रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन, कार्यारंभ और शिलान्यास रखते हुए यह बात कही।

उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों पर निशाना साधते हुए कहा कि एक दर्जन मंत्री अभी यहां बैठे रहते हैं और उनके साथ काम कर चुके प्रदेश के पूर्व मंत्री (राजग शासनकाल वाले भाजपा के मंत्री) यहां मौजूद हैं तथा उनका 12 से 14 बयान हर दिन अखबारों और टीवी समाचार चैनलों में रहता है। साथ ही नीतीश ने कहा कि वे राज्य के हित में जितनी बात बोलेंगे ये लोग उन्हीं पर बरसते रहेंगे पर वे चुप बैठने वाले नहीं हैं, बोलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि ‘हम तो बिहार के हित के लिए काम करते रहेंगे और इस प्रदेश के हित के लिए लडते रहेंगे, जिसको जो भी बोलना है वह बोलते रहे।‘

उन्होंने कहा कि जिस दिन बिहार को विशेष पैकेज दिए जाने की घोषणा की गयी थी उस दिन तो मोटे रूप से उसके बारे में बताया था पर अब उसके बारे में विस्तारपूर्वक बताएंगे। नीतीश ने कहा कि चाहे “कोई मेरा मजाक उडाए (अपने घोर विरोधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने जाने पर) या उन्हें ‘याचक’ कहे, उसका उन पर कोई असर नहीं पड़ता। बिहार के हित के लिए गुहार लगाने के लिए जहां भी जाना पडे हम जाएंगे। इसे हम अपना धर्म और कर्तव्य मानते हैं।”

साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के लिए सर्वदलीय ज्ञापन सौंपा तथा कृषि रोड मैप सहित अलग-अलग क्षेत्रों से संबंधित अपनी मांग केंद्र के समक्ष रख दिया, पर उसके बारे में राज्य सरकार को सूचित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सहयोगात्मक लोकतंत्र में राज्य सरकार को नजरअंदाज कर देना है तो यह उसका अच्छा नमूना है तब तो यह भी एक ‘जुमला’ है। नीतीश ने केंद्र पर सहयोगात्मक लोकतंत्र का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि लेकिन लोग इसकी चर्चा करेंगे क्योंकि ऐसा करने में कुछ लगता तो नहीं है।

नीतीश ने कहा कि बिहार के लिए जो प्रतिबद्धता है, जो हमने सुशासन के लिए एजेंडा तय किया, उससे आगे बढकर काम कर दिया जो लोगों को नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2012 को उन्होंने कहा था कि बिजली की स्थिति में सुधार नहीं लाने पर वे लोगों के बीच 2015 में वोट मांगने नहीं जाएंगे। उर्जा के क्षेत्र में बड़ी योजनायें ली गयी। इस क्षेत्र में हर पल,हर क्षण काम कर रहे हैं।

नीतीश ने कहा कि 2005 में सात सौ मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी। आज बढ़कर 3,112 मेगावाट हो गयी है साढ़े चार हजार मेगावाट बिजली खपत की हमने क्षमता विकसित कर ली है। कांटी थर्मल पावर प्रोजेक्ट का जीर्णोद्धार किया गया। एनटीपीसी के सहयोग से नये युनिट स्थापित किये गये। नीतीश ने कहा कि 2016 के अंत तक सभी बसावटों को बिजली का कनेक्शन मिल जाये, इसके लिये सभी योजनओं की मंजूरी दी गयी है और इस पर काम चल रहा है।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना का नाम बदलकर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना किया गया है। पहले राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना में केन्द्र सरकार 90 प्रतिशत और राज्य सरकार का अंशदान 10 प्रतिशत था। नई योजना में यह अनुपात 60 प्रतिशत एवं 40 प्रतिशत हो गया है। जबकि भूमि राज्य सरकार को उपलब्ध कराना है। आज 5,541 करोड़ रूपये की विद्युत योजनाओं की शुरू कराया गया है, जिसका उद्देश्य सभी बसावटों तक बिजली पहुंचाना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार के किसी कोने से राजधानी पहुँचने में अधिकतम छह घंटे का लक्ष्य रखा गया था, जिसे प्राप्त कर लिया गया है। अब यह लक्ष्य पांच घंटे का तय किया गया है, इसके लिये पथों, पुलों के निर्माण के साथ-साथ ट्रैफिक प्लान पर भी काम करना होगा और इसके लिये कार्य किये जा रहे है।

Previous articleDRDO’s tie-up with Ramdev slammed by social media users
Next articleWoman dies after dupatta gets stuck in motorcycle wheel, but saves her baby