उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए योगी आदित्यनाथ का नाम आरएसएस की ओर से बढ़ाए जाने की अटकलों के बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने शनिवार को कहा कि यह एक राजनीतिक निर्णय था और भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्री के चयन में उसकी कोई भूमिका नहीं है।
मुख्यमंत्री के तौर पर आदित्यनाथ को चुने जाने पर किए एक विशेष सवाल के जवाब में संघ के संयुक्त महासचिव भागय्या ने संवाददाताओं से कहा कि यह एक राजनीतिक फैसला था। आदित्यनाथ संघ के स्वयंसेवक हैं।
जब रेखांकित किया गया कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को चुना गया जो एक प्रचारक हैं तो उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आरएसएस के ही व्यक्ति हैं। भागय्या ने कहा कि आरएसएस मुख्यमंत्रियों के चयन में अपनी तरफ से दबाव नहीं डालती।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के फायरब्रांड नेता व गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को लखनऊ में शनिवार(18 मार्च) को पार्टी विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री चुना गया। जिसके एक दिन बाद आदित्यनाथ ने रविवार(19 मार्च) को यूपी के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
लखनऊ स्थित कांशीराम स्मृति उपवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल राम नाईक ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। योगी आदित्यनाथ राज्य के 21वें मुख्यमंत्री बने हैं। साथ ही प्रदेश पार्टी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य और पार्टी उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है।