योगी आदित्यनाथ और मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग की सख्ती के बाद कांग्रेस ने की पीएम मोदी पर कार्रवाई की मांग

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चुनाव आयोग ने सोमवार (15 अप्रैल) को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर क्रमश: 48 और 72 घंटों तक लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का प्रचार करने पर रोक लगा दी है।दोनों पर कार्रवाई आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने पर की गई है। चुनाव आयोग ने अलग-अलग आदेश जारी कर कहा कि दोनों को चुनाव प्रचार करने से रोका गया है।

File Photo: @narendramodi

आयोग ने इन दोनों नेताओं को मंगलवार यानी 16 अप्रैल को सुबह छह बजे से उन्हें चुनाव प्रचार में भाग लेने, जनसभाएं करने, रोड शो आयोजित करने, मीडिया के सामने बयान देने और साक्षात्कार देने आदि पर रोक लगाई है। आयोग ने योगी आदित्यनाथ को नौ अप्रैल को मेरठ में आपत्तिजनक और विवादास्पद भाषण देने के मामले में नोटिस जारी किया था जबकि मायावती को देवबंद में सात अप्रैल को भड़काऊ भाषण देने के मामले में नोटिस जारी किया था।

मायावती ने सहारनपुर की रैली में मुसलमानों से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के पक्ष में एक समेकित तरीके से मतदान करने के लिए कहा था तो योगी ने मेरठ में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की नीयत से ‘अली और बजरंगबली’ वाला बयान दिया था। उन्होंने गाजियाबाद की रैली में भारतीय सेना को ‘मोदी की सेना’ कहा था। इस पर भी आयोग से शिकायत की गई थी।

कांग्रेस ने की पीएम मोदी पर कार्रवाई की मांग

इस बीच योगी आदित्यनाथ और मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग की सख्ती के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने योगी-मायावती के खिलाफ चुनाव आयोग की कार्रवाई वाली खबर को शेयर करते हुए लिखा, “जिन्होंने नफ़रत व घृणा के बोल हैं पाले, हमारी शिकायत पर चुनाव आयोग ने लगाए उनके मुंह पर ताले!” सुरजेवाला ने आगे लिखा है, “क्या अब चुनाव आयोग मोदीजी के खिलाफ कार्रवाई करेगा?”

पीएम मोदी के लातूर वाले भाषण की जांच कर रहा है चुनाव आयोग

बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान में एयर स्ट्राइक करने वाले भारतीय जवानों और पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सैनिकों के नाम पर लोगों से मतदान करने की अपील कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुश्किल में फंस सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने पहली नजर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को आयोग के आदेशों का उल्लंघन माना है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव अधिकारियों ने चुनाव आयोग को बताया है कि पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाताओं से बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम पर अपना वोट डालने की अपील वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी प्रथम दृष्टया इसके उन आदेशों का उल्लंघन है जिसमें उसने अपने प्रचार अभियान में राजनीतिक दलों से सशस्त्र बलों के नाम का इस्तेमाल नहीं करने को कहा था।

प्रधानमंत्री मोदी ने पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं से 9 अप्रैल को लातूर में कहा था, “मैं पहली बार मतदान करने वाले युवाओं से कहना चाहता हूं कि क्या आपका पहला वोट पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक करने वाले वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है? क्या आपका पहला वोट पुलवामा में शहीद हुए हमारे वीर जवानों के नाम समर्पित हो सकता है?”

योगी-मायावती ने की थी विवादित टिप्पणी

मायावती ने देवबंद में मुस्लिमों से अपील की थी कि एक पार्टी विशेष को वोट नहीं दें। उन्होंने मुसलमानों से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के पक्ष में एक समेकित तरीके से मतदान करने के लिए कहा था। इसे लेकर उन्हें नोटिस जारी किया गया था। चुनाव आयोग ने कहा कि बसपा प्रमुख ने प्रथमदृष्ट्या आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। वहीं, आदित्यनाथ ने मेरठ में एक रैली को संबोधित करते हुए ‘अली’ और ‘बजरंग बली’ की टिप्पणी की थी जिसके लिए उन्हें नोटिस जारी किया गया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी को ‘अली’ में विश्वास है, तो हमें ‘बजरंगबली’ पर विश्वास है।

 

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