पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा सुधीर चौधरी और उनके सहयोगियों पर धूलागढ़ के सांप्रदायिक तनाव की कथित तौर पर असंवेदनशील रिपोर्टिंग पर एफआईआर दर्ज होने के बाद सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्वीटर पर मामला काफी गर्माया रहा। कई लोगों और पत्रकारों की नज़र में यह सीधे सीधे मीडिया की आज़ादी पर हमला था।
मामले को गर्माता देख मध्यप्रदेश बीजेपी के नेता कैलाश विजयवर्गीय भी इसमें कूद पड़े। उन्होंने कहा, ” धूलागढ़ की नृशंसता को दिखाने वाले ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होना आतंक की पराकाष्ठा है”
#Dhulagarh की नृशंसता को TV पर दिखाने वाले @ZeeNews के @sudhirchaudhary के ख़िलाफ़, #FIR दर्ज होना,आतंक की पराकाष्ठा है। #EmergencyInBengal pic.twitter.com/8TBsm48vjs
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) December 27, 2016
कई समर्थकों ने पश्चिम बंगाल पुलिस के इस कदम कीआलोचना करते हुए ट्विटर पर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया।
काश ममताजी ईस सत्यको मानके अपने राजमे हो रही हिंसा को अपनी गलती मान लेती तो बंगालके लोगो को भी खुशी होती..
— Manisha ?????? #BJP (@manisha_111) December 27, 2016
लेकिन लोगों ने इस पूरे मामले पर ज़ी न्यूज़ के कवरेज की खिंचाई भी की। साथ ही लोगों ने उनके इतिहास पर सवाल उठाते हुए 100 करोड़ की फिरौती के मामले पर भी जांच की मांग की।
they dont belive what @MamataOfficial says and make mckery of her words ,who will take u seriusly @ZeeNewsHindi
— Mohammed Hussain (@huspharma) December 27, 2016
Complete support to Sudhir Chaudhary. Anyway Mamata Banerjee can't intimidate someone who was in Tihar Jail on extortion charges, with a FIR https://t.co/CgmWq8KPTS
— Joy (@Joydas) December 27, 2016