जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा जिले के सुंबल इलाके में तीन वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना को लेकर लोगों में लगातार रोष बढ़ता ही जा रहा है। इस मामले को लेकर श्रीनगर के अमर सिंह कॉलेज के छात्र घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान छात्रों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प हो गई। छात्रों को प्रदर्शन से रोक रही पुलिस पर पत्थरबाजी की गई।
बता दें कि, इससे पहले सोमवार को जम्मू-कश्मीर ‘इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ ने समूचे कश्मीर घाटी में पूर्ण बंद का आह्वान किया था। एक बयान में ‘इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ के अध्यक्ष मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी ने बलात्कार की इस घटना को मानवता के चेहरे पर धब्बा बताया है। अंसारी ने दोषी के लिये सख्त सजा की मांग की। ‘इत्तेहादुल मुस्लिमीन’ एक धार्मिक संगठन है जो हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े का एक घटक है।
Jammu & Kashmir: Students and security forces clash at Amar Singh College in Srinagar during students' protest over Bandipora rape case. pic.twitter.com/ixsUtWWyAd
— ANI (@ANI) May 14, 2019
बता दें कि, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने तीन वर्षीय एक बच्ची से दुष्कर्म की घटना पर सोमवार को गहरा दुख और हैरानी व्यक्त की है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि मलिक ने कश्मीर के पुलिस महानिदेशक को मामले में तेजी से काम करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अपराधियों को इस शर्मनाक कृत्य के लिए कड़ी सजा दी जाए।
उन्होंने कहा, ‘‘इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में पता चलने के बाद राज्यपाल ने आईजीपी कश्मीर एस पी पानी से तत्काल बात की और मामले की जारी जांच की विस्तृत समीक्षा की।’’
प्रवक्ता ने बताया कि राज्यपाल ने विभिन्न समुदायों के धार्मिक नेताओं से भी बात की। उन्होंने उनसे इस निर्मम घटना की एक सुर में निंदा करने और लोगों से यह अपील करने को कहा कि वे शांति कायम रखें और असामाजिक तत्वों को समाज में शांति एवं सद्भावना को बिगाड़ने का मौका न दें।
पाकिस्तान ने भी तीन वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार की घटना की सोमवार को निंदा की और इसे एक ‘भयावह’ घटना करार दिया। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता डॉक्टर मोहम्मद फैसल ने घाटी में प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियों से हमले की भी निंदा की।
बांदीपुरा जिले के सुम्बेल इलाके में लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया गया। इसके बाद जम्मू कश्मीर पुलिस ने घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया। (इंपुट: भाषा के साथ)