चुनाव आयोग ने शनिवार को पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में 12 नवंबर से सात दिसंबर के बीच विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा कर दी। छत्तीसगढ़ में दो चरण में मतदान होगा। सबसे पहले नक्सली प्रभावित इलाके में 12 नवंबर को वोटिंग होगी।
उसके बाद बाकी बचे हुए इलाके में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। जबकि मध्य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर, जबकि राजस्थान और तेलंगाना में सात दिसंबर को मतदान होनी है। सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए 11 दिसंबर को मतगणना होगी और इसी दिन नतीजे आएंगे।
प्रेस कॉन्फेंस का समय बदलने पर हंगामा
इस बीच चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की घोषणा के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस का समय बदले जाने को लेकर कहा कि कुछ मजबूरियों के कारण ऐसा करना पड़ा। मुख्य चुनाव आयुक्त ओ.पी. रावत ने इन आरोपों को गलत बताया कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजस्थान में रैली को देखते हुए समय में बदलाव किया है।
रावत ने शनिवार को इन राज्यों के चुनाव की तारीखों की घोषणा करने से पहले ही सफाई देते हुए समय बदलने के पीछे कई कारण बताए। उन्होंने कहा कि तेलंगाना में मतदाता सूची को आठ अक्तूबर तक प्रकाशित करने के संबंध में शनिवार सुबह बैठक होने, हाई कोर्ट में इससे संबंधित एक याचिका के विचाराधीन होने, मद्रास हाई कोर्ट में उपचुनाव से संबंधित एक याचिका लंबित होने और वहां खराब मौसम की भविष्यवाणी के कारण भी समय में बदलाव करना पड़ा।
रावत ने कहा कि अटकलबाजियों और राजनीतिक बयानबाजी के बारे में उन्हें इतना ही कहना है कि राजनेता और राजनीतिक दल हर चीज़ में राजनीति देख लेते हैं। यह उनके स्वभाव में है। इस पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। यह कहे जाने पर कि राजस्थान में बीजेपी सरकार ने किसानों के लिए कुछ घोषणा की है, तब आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? रावत ने कहा कि चुनाव आयोग पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
कांग्रेस ने चुनाव आयोग द्वारा शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस का समय बदले जाने को लेकर आयोग की ‘स्वतंत्रता’ पर सवाल खड़े किए और परोक्ष रूप से यह आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा की वजह से आयोग ने यह कदम उठाया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘आपके सामने तीन तथ्य रखता हूं, जिससे आप निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। पहला यह कि चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिए दिन में 12:30 बजे संवाददाता सम्मेलन बुलाया।’
सोशल मीडिया पर देखिए लोगों के रिएक्शन
प्रेस कांफ्रेंस का समय बदले जाने को लेकर सोशल मीडिया पर भी जमकर हंगामा हो रहा है। वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक लेख लिखकर चुनाव आयोग की मंशा पर सवाल उठाए हैं। “क्या चुनाव आयोग भाजपा का चुनाव प्रभारी बन गया है?” इस हेडलाइन के साथ रविश कुमार ने लिखा है, ‘बेहतर है आयोग अपना मुख्यालय बीजेपी के दफ़्तर में ही ले जाए। नया भी है और न्यू इंडिया के हिसाब से भी। मुख्य चुनाव आयुक्त वहाँ किसी पार्टी सचिव के साथ बैठकर प्रेस कांफ्रेंस की टाइमिंग तय कर लेंगे। देश का समय भी बर्बाद नहीं होगा। आयोग ख़ुद को भाजपा का चुनाव प्रभारी भी घोषित कर दे। क्या फ़र्क़ पड़ता है।’
#चुनावआयोग किसके इशारे पर काम करता है ? 12:30 बजे आयोग की प्रेस कन्फ्रेंस थी अब 3 बजे होगी। 1 बजे PM की रैली #राजस्थान में है। आयोग क्या #BJP के लिए "चुन आओ" आयोग बन गया है ? #ElectionCommission
— Abhishek Singhvi (@DrAMSinghvi) October 6, 2018
चुनाव आयोग मोदी जी के इशारे पर नाचने वाला ……बन गया है मदारी जैसे चाहे…….. को नचाये। https://t.co/ff1H1isXai
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) October 7, 2018
"मोदी सरकार ही हमारी बड़ी-बड़ी संस्थाओं को बर्बाद कर रही है, आज चुनाव आयोग ने मोदी की रैली के लिए अपनी प्रेस कांफ्रेंस 3 घँटे की देरी से करी क्योंकि प्रधानमंत्री को रैली में कुछ खास लोक-लुभावनी घोषणाएं करनी थी।
जब चुनाव आयोग से पूछा गया तो एक हास्यास्पद झूठ बोला गया pic.twitter.com/Q1EKLNjaOb
— Bhushan Mittal ?? (@bhushan8360) October 6, 2018
Election commission of India owes to people of India an honest answer to the question raised by .@ravishndtv or should we conclude that election commission has truly become an agent of BJP? https://t.co/YsPjvEzNTD
— Adv. Somnath Bharti (@attorneybharti) October 6, 2018
अरे चुनाव आयोग को हम मना किये थे भाई, अगर ये चुनाव की तारिखों का एलान कर देते तो मेरे चोर गिरोह के सक्रिय सदस्य को सगुफ़ा जो जनता और मेरे अन्धभक्तों को देना था।।
— अमित शाह (गैंडा) (@GaindaAmit) October 6, 2018
लोकतंत्र के अंत का आरंभ संस्थाओं की कमज़ोरी से ही होता है। #चुनावआयोग
— Purushottam Agrawal (@puru_ag) October 6, 2018
"चुनाव आयोग" लगातार अपनी विश्वसनीयता से खिलवाड़ कर रही है,गुजरात विधानसभा की तारीख़ तय करने के मामले में यही हुआ,,यूपी के कैराना में उपचुनाव हो रहे थे,"आचार संहिता"लागू थी और आयोग ने "प्रधानमंत्री" को रोड शो करने की अनुमति दी!अब आप ही बताए क्या "चुनाव आयोग" विश्वाश के लायक है!
— Preeti Chobey (@preeti_chobey) October 6, 2018
चुनाव आयोग 12.30 बजे
5 राज्यो के चुनाव तिथि की घोषणा करने वाला था
BJP ने कहा मोदी 1 बजे राजस्थान में रैली करेंगे
चुनाव आयोग फौरन अपनी प्रेस कांफ्रेंस का समय
बदल कर 3.30 कर दिया
ऐसा चुनाव आयोग देश के लिए
निष्पक्ष चुनाव करा सकता है?
चुनाव आयोग है या BJP का दलाल आयोग?@ModiLeDubega— काकावाणी ® (@AliSohrab007) October 6, 2018
सिनेमा हॉल के बाहर खड़ी हूँ।
साढ़े 12 बजे का शो कैंसिल हो गया। अब 3 बजे का देखना होगा।
तब तक चिनियाबदाम छील कर खा रही हूँ। इस बीच आपको कहीं रेवड़ियाँ मिले तो बताइएगा।
नोट:- इस घटना को मोदी जी की 1 बजे रैली और चुनाव आयोग की PC 12.30 की जगह 3 बजे करने के साथ कोई सम्बन्ध नही है।
— Neerja Chowdhary (@NeerjaChowdhry) October 6, 2018
चुनाव आयोग
सरकार के हिसाब से चल रहा है,
मेरा देश बदल रहा है!पहले साहेब की रैली होगी,
घोषणाओं के जुमले बरसेंगे,
फिर चुनाव आयोग तारीखों के
एलान के साथ आचार संहिता लगाएगा!— Punya Prasun Bajpai (@SirPPBajpai) October 6, 2018