जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने मंगलवार को एक प्रदर्शन के दौरान मानव संसाधन मंत्री, स्मृति ईरानी से इस्तीफे की मांग की।
कन्हैया कुमार ने कहा कि उन्होंने “आज़ादी” के इस प्रदर्शन में इसलिए भाग लिया है ताकि वह स्मृति ईरानी और प्रशासन के सामने अपनी आवाज़ उठा सके।
मीडिया से बात करते हुए कन्हैया ने कहा कि उनहें कॉलेज प्रशासन की तरफ से कारण बताओ नोटिस जारी हुआ है लेकिन उसमे उनहें निष्काषित करने की बात नहीं लिखी है।
जेएनयू के छात्र अनिर्बान और उमर खालिद की रिहाई और रोहित वेमुला कानून पास किए जाने के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने मंडी हाउस से पार्लियामेंट स्ट्रीट तक पैदल मार्च किया।
अनिर्बान और खालिद को जेएनयू यूनिवर्सिटी के कैंपस में देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में धारा 125ए के तहत हिरासत में लिया गया था।
जेएनयू द्वारा गठित पैनल ने कल कन्हैया सहित 4 छात्रों को निष्कासित करने की सिफारिश की थी। पैनल ने रिपोर्ट जमा करने के बाद उन छात्रों को अपना पक्ष रखने के लिए तीन मौका देने का निर्णय लिया था। लेकिन यूनिवर्सिटी के छात्रों का कहना है कि दुबारा से रिपोर्ट बनायीं जाये जिसमे ताज़ा मामलों को भी नज़र में रखा जाए।
फ़िलहाल यूनिवर्सिटी ने छात्रों की मांग को मानने से इंकार कर दिया है और कहा है कि तीन मौकों के बाद छात्र के खिलाफ कोई कार्यवाही की जाएगी।