बिहार चुनाव में बीजेपी की करारी हार के बाद शत्रुघ्न सिन्हा का दर्द बाहर आया

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इरशाद अली 

जब बिहार चुनाव के नतीजे सामने आ गए है और भाजपा को अपने अंहकार का सबक मिल गया है तो ऐसे में अब शत्रुघ्न सिन्हा कुछ तो कह ही सकते है,

इतनी बंदिश और पहेदारी तो पार्टी की तरफ से उन पर नहीं की जा सकती है। भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है तो शत्रुघ्न सिन्हा भी खुलकर सामने आ गए है और अपनी भड़ास और पार्टी द्वारा उनको नजरअंदाज करने की साजिश पर वे खुलकर बोले।

उन्होंने कहा कि यदि बिहार चुनाव में उनका सही इस्तेमाल किया जाता तो बिहार के ऐसे परिणाम सामने नहीं आते। पार्टी ने उनका सही इस्तेमाल नहीं किया। उनका सही इस्तेमाल होने पर पार्टी को जरूर फायदा मिलता लेकिन पार्टी ने सोची समझी प्लानिंग के तहत उनको बिहार प्रचार से दूर रखा। जिसके नतीजे अब उनके सामने है।

महागठबंधन की शानदार जीत पर शत्रुघ्न सिन्हा इसके नेताओं को बधाई देने से भी नहीं चूके, उन्होंने लालू, नीतीश और राहूल गांधी को बिहार चुनाव में विजय हासिल करने पर मुबारकबाद दी। उन्होंने आगे इस पर बोलते हुए कहा कि ये लोकत्रतंत्र की, बिहार की और बिहारियों की जीत है।

खुद को इस बिहार चुनाव से दूर रखने का दर्द शत्रुघ्न सिन्हा के मुंह से बार-बार निकलता रहा। वे बोले कि जो आदमी दो बार राज्यसभा के बाद लोकसभा से भी रिकार्ड मार्जिन से जीतकर आता है। जिसके फाॅलोअर्स, प्रंशसकों और समर्थको की एक भारी भीड़ है, उसे पार्टी कैसे दूर रख सकती थी। क्या उन्हें इससे दुख नहीं पहुंचेगा।

हालांकि वो कहते है कि मेरे आने से बिहार पूरी तरह से जीत तो नहीं पाता लेकिन नतीजे इतने खराब भी ना होते जैसे अब देखने को मिले है। मेरे आने से कुछ सीटों पर इजाफा जरूर होता। उन्होंने बिहार चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर भी अपनी राय रखी, वे बोले कि मोदी को चुनावी अभियान की सही ब्रीफिंग करने में गलती हुई है। अपनी बात को खत्म करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति के कलैण्डर में कोई आखिरी तारीख नहीं होती इसलिये अब वक्त आ गया है कि पार्टी पूरी स्थिति की समीक्षा करे और आत्मनिरीक्षण कर पार्टी को मजबूत करने पर ध्याने दे।

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