लोकसभा चुनाव 2019 में मिली करारी हार के बाद राजस्थान कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं लग रहा है। पार्टी की भीतरी लड़ाई उस समय और खुलकर लोगों के सामने आ गई, जब राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष और सरकार में उनके उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को उनके बेटे वैभव गहलोत की जोधपुर से हार की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। एक चैनल से बातचीत में अशोक गहलोत ने अपने बेटे वैभव गहलोत की जोधपुर सीट से हार के लिए सचिन पायलट को भी जिम्मेदार ठहराया है।
गहलोत ने एबीपी को दिए इंटरव्यू में कहा कि सचिन पायलट ने कहा था कि मेरा बेटा वैभव जोधपुर से बड़े अंतर से जीतेगा। इस लोकसभा क्षेत्र में हमारे 6 विधायक हैं और हमारा चुनावी प्रचार वहां शानदार था। इसलिए मुझे लगता है कि पायलट को कम से कम इस सीट की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। जोधपुर सीट का पूरा पोस्टमॉर्टम किया जाना चाहिए कि आखिर हम वहां जीते क्यों नहीं?
टीवी न्यूज चैनल एबीपी के साथ इंटरव्यू में गहलोत से पूछा गया कि क्या यह सच है कि जोधपुर से आपके बेटे का नाम पायलट ने ही सुझाया था? गहलोत ने कहा, ‘यदि पायलट ने ऐसा किया था तो यह अच्छी बात है। यह हम दोनों के बीच मतभेद की खबरों को खारिज करती है।’ इस बयान में उन्होंने कहा, ‘पायलट साहब ने यह भी कहा था कि वह बड़े अंतर से जीतेगा, क्योंकि हमारे वहां 6 विधायक हैं, और हमारा चुनाव अभियान बढ़िया था। तो मुझे लगता है कि उन्हें वैभव की हार की जिम्मेदारी तो लेनी चाहिए। जोधपुर में पार्टी की हार का पूरा पोस्टमॉर्टम होगा कि हम वह सीट क्यों नहीं जीत सके।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें वाकई लगता है कि पायलट को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए? इस पर गहलोत ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि हम जोधपुर जीत रहे थे (जोधपुर से), इसलिए उन्होंने जोधपुर से टिकट लिया। लेकिन हम सभी 25 सीट हार गए। इसलिए यदि कोई कहता है कि मुख्यमंत्री या पीसीसी चीफ को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। मेरा मानना है कि यह एक सामूहिक जिम्मेदारी है।’
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 25 मई को हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाये को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी। सूत्रों के हवाले से आई खबरों के मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा था कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया।