ABP न्यूज पर रिफत जावेद ने सबसे पहले गोरखपुर के जिलाधिकारी द्वारा मतगणना में कुछ ‘गड़बड़ी’ की जताई थी आशंका

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उत्तर प्रदेश में लोकसभा की दो सीटों पर हुए उपचुनाव के बुधवार (14 मार्च) को आए नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बड़ा झटका लगा है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गोरखपुर सीट और राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट पर बीजेपी हार गई है। दोनों सीटें समाजवादी पार्टी (सपा) के खाते में गई हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट मानी जा रही गोरखपुर में बीजेपी की करारी हार को लेकर जमकर चर्चा हो रही है। इस सीट पर वर्ष 1991 से लगातार बीजेपी की जीत के रिकॉर्ड को सपा के एक युवा नेता ने ध्वस्त कर दिया।योगी के मुख्यमंत्री बनने के करीब एक वर्ष बाद ही उनकी ही छोड़ी सीट पर आए चुनाव परिणाम ने तस्वीर बदलकर रख दी, जिसका असर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है। क्योंकि जानकारों का कहना है कि योगी सरकार के एक वर्ष के कामकाज का मूल्यांकन उनके ही घर के मतदाताओं ने किया है। पहले के चुनावों में सबकी एकजुटता के बावजूद योगी की जीत का अंतर सपा-बसपा और कांग्रेस के मतों से ज्यादा होता था।

मतगणना के दौरान जिलाधिकारी की कार्यशैली पर उठे सवाल

गोरखपुर लोकसभा सीट पर बुधवार को मतगणना के दौरान जमकर हंगामा हुआ। मतगणना के दौरान जिलाधिकारी राजीव रौतेला की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद और पार्टी नेता-कार्यकर्ता धांधली की आशंका में हमलावर रहे। चक्रवार मतगणना का परिणाम घोषित न किए जाने पर उन्होंने धांधली का आरोप लगाया।

दरअसल, जिला प्रशासन ने मीडियाकर्मियों को मतगणना स्थल तक जाने से रोक दिया। सुबह 11 बजे तक करीब 13 चक्र की मतगणना हो गई थी, लेकिन किसे कितने मत मिले, इसका रिजल्ट सार्वजनिक नहीं किया गया। जिलाधिकारी ने उस समय तक मात्र एक चक्र का परिणाम घोषित किया था, जिसमें बीजेपी आगे चल रही थी। सपा प्रत्याशी प्रवीण कुमार निषाद और पार्टी के जिलाध्यक्ष प्रह्लाद यादव ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने पार्टी के शीर्षस्थ नेताओं से शिकायत की।

इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों में भी गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव की मतगणना में जिला प्रशासन द्वारा गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए सपा समेत सभी विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। नेता विपक्ष अहमद हसन ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला शुरू से ही चुनाव में गड़बड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने उन्हें तीन महीने पहले ही हटाने का आदेश दिया था, लेकिन योगी सरकार ने नहीं हटाया।

 

ABP न्यूज पर रिफत जावेद ने सबसे पहले ‘गड़बड़ी’ की जताई थी आशंका

मतगणना के दौरान ABP न्यूज़ पर चुनाव एक्सपर्ट के तौर पर मौजूद ‘जनता का रिपोर्टर’ के प्रधान संपादक रिफत जावेद ने सबसे पहले गोरखपुर में जिलाधिकारी द्वारा कुछ ‘गड़बड़ी’ आशंका व्यक्त की थी। एंकर अभिसार शर्मा के एक सवाल पर रिफत ने मतगणना के दौरान धांधली की आशंका जताते हुए कहा कि एक बात याद रखिए कि ईवीएम से चुनाव हुए हैं और ईवीएम से मतगणना हो रही है। करीब साढ़े तीन घंटे का वक्त गुजर गया है इसके बावजूद जो नंबर है वह बिल्कुल फ्रिज (रूक) हो चुका है। इस पर एंकर ने पूछा ने कि आपका इशारा क्या है? इस रिफत ने कहा कि कहीं ना कहीं कुछ गड़बड़ है जिसके बारे के यहां बैठकर हमें पता नहीं नहीं है।

दरअसल, रिफत जावेद के मुताबिक इस बात की जानकारी ब्रेक के दौरान जब वह चैनल से बाहर गए तब गोरखपुर के एक स्थानीय संवाददाता ने उन्हें दी। संवाददाता ने रिफत को बताया कि गोरखपुर में जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों को मतगणना स्थल से बाहर निकाल दिया गया है। इतना ही नहीं 13 राउंड की मतगणना हो जाने के बावजूद अभी तक सिर्फ एक राउंड का ही रिजल्ट सार्वजनिक किया गया है। इस घटनाक्रम को देखते हुए रिपोर्टर ने ईवीएम को बदले जाने की आशंका व्यक्त करते हुए रिजत जावेद से इस मामले को ABP पर उठाने की गुजारिश की। जिसके बाद रिफत जावेद ने इस मामले को चैनल पर उठाया।

ABP पर जैसे ही यह खबर ब्रेक किया गया उसके कुछ देर बाद ही जिलाधिकारी आगे के रुझान सार्वजनिक करना शुरू कर दिए। हालांकि रौतेला ने किसी भी तरह की धांधली के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। बता दें गोरखपुर के जिलाधिकारी राजीव रौतेला मुख्यमंत्री योगी के काफी करीबी माने जाते हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खनन के दो साल पुराने मामले में सख्त रुख अपनाते हुए रामपुर में तैनात रहे दो जिलाधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया था। इनमें एक रौतेला भी हैं, जो गोरखपुर में बने हुए हैं।

चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी से मांगा जवाब 

समाजवादी पार्टी (सपा) ने मतगणना में संबंधित जिलाधिकारी द्वारा कथित धांधली किए जाने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की। सपा की शिकायत पर चुनाव आयोग ने जिलाधिकारी से जवाब तलब कर लिया है। राज्य के संयुक्त निर्वाचन अधिकारी रमेश चंद्र राय ने बताया कि समाजवादी पार्टी की ओर से मिली शिकायत पर जिलाधिकारी से जवाब मांगा गया है। राय ने स्वीकार किया कि ‘टेबुलेशन’ में देरी हुई। इसकी वजह से मतगणना में धांधली की बात की जा रही है। जिलाधिकारी का जवाब आने पर स्थिति साफ हो जाएगी।

(देखिए वीडियो)

Rifat Gorakhpur

On ABP News, I was the first one to raise suspicion on the Gorakhpur DM's dirty plans. watch-

Posted by Rifat Jawaid on Thursday, 15 March 2018

 

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