जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक नाबालिग मासूम बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और हत्या का मामला भारत सहित पूरे विश्व में लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कठुआ के हीरानगर तहसील के रसाना गांव में इसी साल की शुरूआत में जनवरी महीने में आठ साल की बच्ची आसिफा का अपहरण कर उसके साथ एक मंदिर में करीब सात दिन तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी जघन्य तरीके से हत्या कर दी गई।
बच्ची के साथ दरिंदगी और हत्या के मामले में स्थानीय लोगों समेत अब तमाम बड़ी हस्तियों का भी गुस्सा देखने को मिल रहा है और इस केस ने पूरे देश को आंदोलित कर दिया है। जैसे ही देश भर में लोग इस मामले में इंसाफ मांगने सड़क पर उतरे वैसे ही दक्षिणपंथी के एक बड़े वर्ग ने इस पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। कठुआ बलात्कार और हत्या की आलोचना अब देश में ही नहीं बल्कि देश से बाहर भी हो रही है। इस मामले ने देश को शर्मसार कर दिया है।
मधु किश्वर के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने महिला सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका मधु किश्वर के खिलाफ कठुआ केस के बारे में कथित झूठी सूचनाएं ट्वीट करने को लेकर आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने मधु किश्वर के ट्वीट को ‘फर्जी न्यूज और हिंसा भड़काने वाला’ करार दिया है। प्रशांत भूषण ने खुद ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
प्रशांत भूषण ने सोमवार (16 अप्रैल) को दिल्ली के तिलक नगर थाने में मधु किश्वर के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाया।उन्होंने अपने ट्वीट में बताया है कि लगातार फेक न्यूज फैलाने, सांप्रदायिक नफरत और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करने को लेकर मधु किश्वर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए, 295 ए और 505 के तहत आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है।
प्रशांत भूषण ने कहना है कि मधु किश्वर आदतन फेक न्यूज फैलाती है जिससे सांप्रदायिक घृणा और हिंसा फैलने का खतरा रहता है। वे सोचती हैं कि उनकी इन हरकतों को कई नहीं पकड़ पाएगा, लेकिन अब समय आ गया है कि उन्हें रोका जाए। अपनी शिकायत में 14 अप्रैल 2018 को कठुआ गैंगरेप और हत्या मामले को लेकर मधु किश्वर के वेरीफाइड ट्विटर हैंडल @madhukishwar से किए गए एक ट्वीट का जिक्र शिकायत में किया है।
बता दें कि 14 अप्रैल, 2018 को कठुआ केस के सिलसिले अपने ट्वीट में लिखा था, “हो सकता है कि आरोपियों के परिवार को बलि का बकरा बनाया जा रहा हो।” उन्होंने आगे लिखा था कि, “शक है कि आसिफा की हत्या उन जेहादी रोहिंग्या ने की हो जिन्हें पीडीपी ने जम्मू रीजन में बसाया है। चूंकि रोहिंग्या को जम्मू रीजन में बसाए जाने से जम्मू के हिंदू नाराज हैं, इसलिए महबूबा ने इस हत्या को जवाबी रणनीति के तौर पर इस्तेमाल किया हो।”
Very likely that family accused of rape have been scapegoated. Murder of #Asifa suspected to be handiwork of jehadi #Rohingyas settled by PDP in Jammu region. Since Jammu people angry at settling criminal Rohingya in Hindu areas, Mehbooba used this murder as counterblast strategy https://t.co/Bji6ea2IUq
— MadhuPurnima Kishwar (@madhukishwar) April 14, 2018
बता दें कि मधु किश्वर इससे पहले भी कई बार अपने भड़काऊ ट्वीट को लेकर चर्चा में रही हैं। अभी कुछ दिन पहले ही ‘पद्मावत’ विवाद के समय मधु किश्वर ने एक ट्वीट किया था जिसमे गुरुग्राम में हुई हिंसा के लिए एक खास समुदाय के लोगों के पकड़े जाने की बात थी। लेकिन खुद गुरुग्राम पुलिस ने किश्वर के दावों को खारिज करते हुए फर्जी करार दे दिया था, जिसके बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।
नेशनल हेराल्ड से बातचीत में प्रशांत भूषण ने कहा कि, “मैंने यह शिकायक इसलिए दर्ज कराई, क्योंकि वे लगातार इस तरह के झूठे, सांप्रदायिक, घृणापूर्ण और हिंसा भड़काने वाले ट्वीट करती रही हैं। भारतीय दंड विधान में यह सब करना गंभीर अपराध है। प्रधानमंत्री मोदी का कोई कार्टून बना ले तो पुलिस आनन-फानन कार्रवाई कर लेती है, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकिचाती है जो सांप्रदायिक नफरत और हिंसा भड़काने का काम करते हैं।”
उन्होंने कहा कि पीएम का कार्टून बनाना कहीं से भी देशद्रोह नहीं है, लेकिन मधु किश्वर के ट्वीट निश्चित तौर पर देशद्रोह की श्रेणी में आते हैं। प्रशांत भूषण ने कहा कि, “मधु किश्वर के खिलाफ शिकायत दर्ज होनी चाहिए थी। बहुत से ऐसे लोग हैं जो इस किस्म के ट्वीट करते हैं। लेकिन हमें रिंग लीडर को ही पकड़ना चाहिए। मधु किश्वर ऐसे लोगों की रिंग लीडर हैं जो सांप्रदायिक अपराध करते हैं।”