BJP ने गुजरात में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम से किया भद्दा मजाक, इशरत जहां के कथित हत्यारे को मिल सकती है मानवाधिकार आयोग की सदस्यता

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गुजरात सरकार ने सोमवार(12 जून) को एक ऐसा विवादित फैसला लिया है जिसे लेकर विवाद शुरू हो सकता है। दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के पूर्व डीजीपी और इशरत जहां के कथित हत्यारे पीपी पांडे को गुजरात मानवाधिकार आयोग की सदस्यता मिल सकती है। मीडिया में यह रिपोर्ट आने के बाद सोशल मीडिया में हंगामा शुरु हो गया है। लोगों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी गुजरात में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के साथ भद्दा मजाक करने जा रही है। खास बात ये है कि पीपी पांडे इशरत जहां मामले सहित कई मामलों में मुख्य आरोपी रहे हैं। ऐसे में उन्हें मानवाधिकार आयोग का सदस्य बनाए जाने की खबर आने के बाद गुजरात सरकार के फैसले पर हंगामा बढ़ना तय है। बता दें कि पिछले दिनों ही कार्यकारी डीजीपी पीपी पांडे के हटने के बाद उनकी जगह वरिष्‍ठ आईपीएस अधिकारी गीता जौहरी को नए डीजीपी के रूप में नियुक्‍त किया गया था।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट का रुख देखते हुए गुजरात सरकार ने पीपी पांडे के फौरन मुक्त होने के खत पर सहमति जता दी थी। गुजरात सरकार ने कोर्ट में बताया था कि पीपी पांडे ने खुद ही सरकार को लिखा है कि वह पद छोड़ना चाहते हैं।

वहीं, एक अप्रैल को भेजे पत्र में पांडे ने लिखा था कि उनके एक्सटेंशन को सुप्रीम कोर्ट में कुछ असंतुष्ट लोगों ने बेवजह उठाया, ताकि गुजरात और केंद्र सरकार की बदनामी हो सके। इसलिए इस विवाद को विराम देने के लिए और सरकार को शर्मिंदगी से बचाने के लिए मैं तुरंत अपने पद से मुक्त होना चाहता हूं और सरकार से आग्रह करता हूं कि वे तुरंत नोटिफिकेशन को वापस लें।

दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। रिटायर्ड IPS अफसर जूलियो रिबेरो की याचिका पर नोटिस जारी किया गया था। याचिका में कहा गया था कि पीपी पांडे इशरत जहां समेत कई केस में आरोपी रहे हैं।

लेकिन सरकार ने रिटायरमेंट के बाद एक्सटेंशन देकर गुजरात का कार्यकारी DGP बना दिया है। इससे तमाम केसों की जांच के वे प्रभारी हो गए हैं और केसों में गवाही देने वाले पुलिसवालों के मुखिया हो गए हैं। ऐसे में वह केसों को प्रभावित करेंगे, इसलिए उनको पद से हटाया जाए। जिसके बाद आनन-फानन में गुजरात सरकार को उन्हें हटाना पड़ा था।

लोगों ने ट्वीट कर उठाए सवाल

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