केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर के साथ मिलकर अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ की स्थापना करने वाले चैनल के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी को नई दिल्ली में मौजूद नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (NMML) का नया मेंबर बनाया है।
अर्नब गोस्वामी के अलावा तीन और लोगों को इस प्रतिष्ठित संस्थान का मेंबर बनाया गया है। जिसमें पूर्व विदेश सेक्रेटरी एस. जयशंकर, बीजेपी सांसद विनय सहस्रबुद्धे और इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फोर आर्ट्स के चेयरमैन व पूर्व पत्रकार राम बहादुर राय शामिल है। सरकार ने इन चारों को अर्थशास्त्री नितिन देसाई, प्रोफेसर उदय मिश्रा और पूर्व ब्यूरोक्रेट बीपी सिंह को हटाने का फैसला करने के बाद नियुक्त किया है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि बर्खास्त तीन सदस्यों को खुलेआम सरकार की आलोचना करने के लिए जाना जाता था। ये तीनों ही मेंबर नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी (NMML) को लेकर मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते थे। इन तीनों ही सदस्यों ने प्रधानमंत्रियों के म्यूजियम के निर्माण की आलोचना की थी और अब ऐसे में उन्हें हटा दिया गया।
गौरतलब है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का यह फैसला ऐसे वक्त आया है, जब सोसाइटी के एक सदस्य प्रताप भानु मेहता ने इस मुद्दे पर राजनैतिक दबाव के चलते इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि भानु मेहता का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया गया है। संस्था के एक और मेंबर जयराम रमेश ने संस्था के अंदर आए इस बदलाव को लेकर कहा कि, जिन लोगों को हटाया गया है वो ईमानदारी की मिसाल थे।
This is the order from the culture ministry approving the changes pic.twitter.com/toINiKTQul
— Vasudha Venugopal (@vasudha_ET) November 2, 2018
इकॉनोमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 अक्टूबर को जारी किए गए मिनिस्टरी ऑफ कल्चर के नोटिफिकेशन के अनुसार, नए सदस्यों का कार्यकाल 26 अप्रैल, 2020 तक या अगले आदेश तक रहेगा। बता दें कि म्यूजियम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण फैसले नेहरु मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी ही लेती है।
बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी ने एनडीए के राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर और बीजेपी समर्थक मोहनदास की मदद से बड़े ही धमाके के साथ 6 मई 2017 को अपने नए इंग्लिश चैनल ‘रिपब्लिक टीवी’ को लॉन्च किया था, जिसके बाद से ही वह लगातार विवादों में हैं। अर्नब गोस्वामी को उनके आलोचक बीजेपी समर्थक करार देते हैं।