दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि सीबीआई जज लोया की मौत के पीछे की सच्चाई पढ़ने के बाद वो पूरी रात सो नहीं सके। उन्होंने कहा कि जस्टिस लोया की मौत को लेकर जो बातें सामने आ रही हैं उससे लग रहा है कि उनकी हत्या हुई है, इसकी जांच होनी चाहिए, चाहे दोषी कोई कितना ही बड़ा हो, उसे सजा मिलनी चाहिए।
केजरीवाल ने आगे कहा कि जिस देश में एक जज की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती उस देश में प्रजातंत्र का कोई भविष्य नहीं है।
दरअसल अंग्रेजी मागज़ीने कारवां ने कथित फर्जी एनकाउंटर को लेकर कई बड़े खुलासे किए थे। मृतक सीबीआई जज बृजगोपाल लोया की बहन के हवाले से छपी रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस मोहित शाह ने इस केस को रफा-दफा करने के लिए उनके भाई और को 100 करोड़ रुपये घूस के रूप में ऑफर किया गया था।
जज लोया जिस केस की सुनवाई कर रहे थे उसमें भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह मुख्य अभियुक्त थे।
जस्टिस वृजगोपाल लोया की बहन अनुराधा बियानी ने कारवां की रिपोर्टर को बताया था कि उनके भाई और उस समय के CBI जज लोया को मुंबई हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की थी। कारवां में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस घूस की पेशकश सभी आरोपियों को क्लीन चीट देने के लिए की गई थी। अनुराधा ने पत्रिका को बताया कि यह ऑफर उनके भाई की मौत के कुछ हफ्ते पहले ही दिया गया था।
बता दें कि 48 साल की उम्र में जस्टिस लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को नागपुर में हुई थी, जिसकी वजह दिल का दौरा पड़ना बताया गया था। वे नागपुर अपनी सहयोगी जज स्वप्ना जोशी की बेटी की शादी में गए हुए थे।
लोया की मौत के 29 दिन बाद यानी 30 दिसंबर 2014 को आए दूसरे जज ने अमित शाह को सोहराबुद्दीन हत्याकांड के इस चर्चित कांड से बरी कर दिया। जज की मौत के तीन साल बाद अब जाकर परिजनों ने चुप्पी तोड़ी है। मैगजीन से बातचीत में परिजनों ने जज की मौत के पीछे गहरी साजिश बताया है। उनका कहना है कि इस मामले में उनके पूरे परिवार को अंधेरे में रखा गया।