पीएम मोदी के खुले में शौच अभियान को अमल में लाने की खातिर हरियाणा के नूंह में जिला मजिस्ट्रेट मणिरामन् राम ने तानाशाही रवैया अपनाया है। मंगलवार को मणिरामन् राम इलाके के दो गांव के दौरे पर सुबह 4:30 से 6 बजे के बीच गए और 4 लोगों को खुले में शौच करते पकड़ा और उनसे जुर्माना वसूला। चारों लोगों को पुलिस जीप के सामने बैठा कर उनकी फोटो ली गई।
मणिरामन् राम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर जो स्टेटस डाला, उसमें उन्होंने स्वच्छता अभियान का जिक्र किया, पर इस स्टेटस को डालते हुए वो भाषा की सभ्यता और गरिमा को भूल गए। पीएम मोदी को प्रसन्न करने की खातिर इस अधिकारी ने गांव के अल्पसंख्यकों और दलितों को अपनी सनक का शिकार बनाया।
जानकारी के मुताबिक 2009 बैच के आईएएस अफसर मणिरामन् राम नूंह (मेवात) के जिला मजिस्ट्रेट (उपायुक्त) हैं। उन्होंने लिखा कि ‘मैंने तसल्ली से अकड़ ढीली कर दी’। उन्होंने फेसबुक पर मंगलवार को एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें कुछ लोगों को घुटने के बल बैठाया दिखाया गया है और पुलिस उनके इर्द-गिर्द खड़ी है।
सालाहेडी और सलम्बा……
खुले में शौच के लिए दो सर्वाधिक बदनाम गांव ……
दोनों गांव में बड़े-बड़े लोग….. उनसे ज़्यादा संख्या में बड़े-बड़े लोगों के चमचे…..
इस चमचागिरी की ताकत के दम पर ही ना ये सरपंच की सुनते है और ना जिला प्रशासन की।
आज इनकी अकड़ ढीली करनी थी और तसल्ली से ढीली कर भी दी। फोटो में दिखने वाले चारों व्यक्ति न केवल सम्पन्न और पहुँच रखने वाले है बल्कि इनके घरों में शौचालय भी है। फिर भी चमचागिरी की ताकत का भरोसा कुछ ज्यादा ही था इनको। इनको न केवल विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया और फिर पंचायत खाते में जुर्माना भी वसूल किया गया। ना नेतागिरी काम आई और ना चमचागिरी ……
एक तरफ कहते है कि खुले में शौच करने वालों का ना रोजा कबूल होता है और ना नमाज….. और दूसरी तरफ पाक रमजान में यह हरकत….. नाकाबिले बर्दाश्त तो है ही…..
कल दो गांवों में और जाना है….. और इन गांवों के मर्दों को भी अपनी नेतागिरी और चमचागिरी पर कुछ ज्यादा ही भरोसा है। जाहिर सी बात है कि फोर्स भी इसी हिसाब से धावा बोलेगी…..