पंजाब के जालंधर में अस्पताल से शव के लिए एंबुलेंस कथित रूप से उपलब्ध नहीं होने के बाद निजी वाहन से शव ले जाने के लिए 400 रूपए नहीं होने के कारण एक व्यक्ति को अपने पिता का शव घर ले जाने के लिए रेहड़ी का सहारा लेना पड़ा।
पीटीआई की ख़बर के मुताबिक, यह घटना यहां 11 मई को हुई जब इलाज के लिए अस्पताल आए पूर्वी उत्तरप्रदेश के एक प्रवासी मजदूर लालजी की मौत हो गयी। लालजी के बेटे सर्बजीत भी श्रमिक हैं। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने शव घर ले जाने के लिए अस्पताल अधिकारियों से एंबुलेंस मुहैया कराने का आग्रह किया।
लेकिन उन्हें बताया गया कि नियम के मुताबिक सरकारी अस्पताल शव ढोने के लिए एंबुलेंस नहीं दे सकता। हालांकि उन्होंने कहा कि अगर वे 400 रूपया देंगे तो एक एंबुलेंस उन्हें मुहैया कराया जा सकता है लेकिन पैसे नहीं होने के कारण सर्बजीत ने मना कर दिया।