असम के हैलाकांडी में कर्फ्यू के बीच सांप्रदायिक एकता का एक अनोखा उदाहरण देखने को मिला है। एक मुस्लिम ऑटो रिक्शावाले ने कर्फ्यू तोड़ते हुए प्रसव पीड़ा झेल रही हिंदू महिला को अस्पताल पहुंचाया। हैलाकांडी में दो दिन पहले हुई हिंसा के चलते कर्फ्यू लगा है। जिला पुलिस अधीक्षक मोहनेश मिश्रा के साथ हैलाकांडी उपायुक्त कीर्ति जल्ली महिला नंदिता और उसके पति रूबन दास के घर पहुंची और कहा, ‘हमें हिंदू-मुस्लिम एकता के ऐसे और उदाहरणों की आवश्यकता है।’
पीटीआई के मुताबिक, मुस्लिम ऑटो रिक्शावाले ने समय पर महिला को अस्पताल पहुंचा दिया था, जहां महिला ने एक बेटे को जन्म दिया। बच्चे का नाम ‘शांति’ रखा गया है। उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने रूबन के पड़ोसी और ऑटो चालक मकबूल से भी मुलाकात कर उन्हें अपने दोस्त की मदद करने और जिले में कायम तनाव को कम करने के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।
हैलाकांडी की डीएम कीर्ति जल्ली ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि 12 मई को कर्फ्यू के दौरान एक बच्चा पैदा हुआ था, बच्चे को घर ले जाने के लिए कोई भी साधन मौजूद नहीं था इसलिए बच्चे के पिता रुबेन दास ने अपने दोस्त मकबूल (ऑटो ड्राइवर) को फोन किया। उन्होंने पुलिस का सामना करने का जोखिम उठाया और परिवार को घर पहुंचाया।
Keerthi Jalli, Hailakandi DM: On May 12 during curfew a child was born,no vehicles were available to take the child home. So,the child's father Ruben Das called his friend Maqbool (auto driver) who took risk of facing police during curfew& dropped family home.#Assam pic.twitter.com/96Z2dc7ms0
— ANI (@ANI) May 16, 2019
प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद रूबन को नंदिता को अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस की जरूरत थी। कहीं से भी कोई मदद ना मिलने पर रूबन के पड़ोसी मकबूल मदद के लिए सामने आए और कर्फ्यू की परवाह किए बिना नंदिता को सही समय पर अस्पताल पहुंचाया। मुस्लिम शख्स की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। गौरतलब है कि शुक्रवार को हुई साम्प्रदायिक हिंसा में पुलिस की गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 15 अन्य घायल हुए थे। वहीं 15 वाहन और 12 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई थीं।