न्यूजीलैंड की मस्जिदों में हुए आतंकी हमले में 49 लोगों की मौत, आस्ट्रेलिया के पीएम ने हमलावर को बताया ‘चरमपंथी, दक्षिणपंथी’ आतंकवादी

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न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में अज्ञात हमलावरों की गोलीबारी से हड़कंप मचा हुआ है। इस गोलीबारी में करीब 49 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के दौरान बांग्लादेशी क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी मस्जिद में ही मौजूद थे। हालांकि, किसी भी खिलाड़ी के इस घटना में हताहत होने की खबर नहीं है।

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न्यूजीलैंड की पुलिस ने कहा है कि उन्होंने आतंकवादी हमले के सिलसिले में एक महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था और विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय किया है। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री ने ‘‘पूर्व नियोजित’’ इस हमले को ‘‘न्यूजीलैंड के सबसे काले दिनों में से एक’’ बताया।

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने कहा कि क्राइस्टचर्च में हुआ घटनाक्रम ‘हिंसा की असाधारण करतूत’ को दर्शाता है। उन्होंने स्वीकार किया कि पीड़ितों में कई प्रवासी और शरणार्थी हो सकते हैं। मृतकों के अलावा 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘यह स्पष्ट है कि इसे अब केवल आतंकवादी हमला ही करार दिया जा सकता है। हम जितना जानते हैं, ऐसा लगता है कि यह पूर्व नियोजित था।’ उन्होंने कहा, ‘संदिग्ध वाहनों से जुड़े दो विस्फोटक उपकरण बरामद किए गए हैं और उन्हें निष्क्रिय कर दिया गया है।’

न्यूजीलैंड पुलिस ने गोलीबारी के संबंध में चार लोगों को हिरासत में लिया है जिनमें एक महिला है। पुलिस ने हिरासत में लिए गए लोगों की विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन हमले की जिम्मेदारी लेने वाले एक व्यक्ति ने 74 पृष्ठीय प्रवासी विरोधी घोषणापत्र छोड़ा है जिसमें उसने यह बताया है कि वह कौन है और उसने हमले को क्यों अंजाम दिया। उसने बताया कि वह 28 वर्षीय श्वेत ऑस्ट्रेलियाई है।

आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने पुष्टि की कि गिरफ्तार किए गए चार लोगों में एक आस्ट्रेलियाई नागरिक है।मॉरिसन ने कहा कि क्राइस्टचर्च में ‘‘एक चरमपंथी, दक्षिणपंथी, हिंसक आतंकवादी’’ ने गोलीबारी की। वह आस्ट्रेलिया में जन्मा नागरिक है। उन्होंने और जानकारी देने से इनकार कर दिया और कहा कि न्यूजीलैंड के प्राधिकारियों के नेतृत्व में जांच की जा रही है।

अर्डर्न ने एक संवाददाता सम्मेलन में हमले के संभावित मकसद के तौर पर प्रवासी विरोधी भावना होने का इशारा किया और कहा कि गोलीबारी में प्रभावित कई लोग प्रवासी या शरणार्थी हो सकते हैं। ‘‘उन्होंने न्यूजीलैंड को अपना घर बनाना चुना और यह उनका घर है।’’

पुलिस आयुक्त माइक बुश ने कहा कि पुलिस हिरासत में लिए गए चार लोगों के अलावा किसी अन्य संदिग्ध के बारे में नहीं जानती लेकिन वे इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते। बुश ने कहा, ‘स्थानीय पुलिस ने हमलावरों को पकड़ लिया है। हमारे पुलिसकर्मियों ने जिस प्रकार कार्रवाई की, मुझे उन पर गर्व है, लेकिन हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि खतरा समाप्त हो गया है।’ उन्होंने बताया कि रक्षाबल ने हमलों के बाद रोके गए वाहनों से जुड़े कई आईईडी निष्क्रिय किए हैं।

मस्जिद अल नूर में हमला स्थानीय समयानुसार दोपहर पौने दो बजे हुआ। अर्डर्न ने बताया कि वहां कई लोगों की मौत हुई। प्रत्यक्षदर्शी लेन पेनेहा ने बताया कि उन्होंने काले कपड़े पहने एक व्यक्ति को मस्जिद में जाते देखा और उसके बाद गोलीबारी की आवाज सुनाई दी। मस्जिद के निकट रहने वाले पेनेहा ने बताया कि बंदूकधारी मस्जिद से बाहर भागा और उसने अपना हथियार रास्ते में गिरा दिया। (इंपुट: भाषा के साथ)

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