कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि जरूरी 54 लोकसभा सीटों से दो सीटें कम होने के कारण वह लोकसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए दावा नहीं करेगी। नियमानुसार, विपक्ष का नेता बनाने के लिए किसी पार्टी के पास लोकसभा की कुल 545 सीटों की 10 प्रतिशत सीटें होनी चाहिए। यह पद कैबिनेट स्तर का है। लेकिन कांग्रेस के पास सिर्फ 52 सीटें हैं।
पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, “लोकसभा में जरूरी 54 सीटों से दो सीटें कम होने के कारण हम लोकसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए दावा नहीं करेंगे।” पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें मिलने के कारण लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं दिया गया था।
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस अन्य दलों के साथ मिलकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए दावा करेगी? उन्होंने कहा, “नवनिर्वाचित संसदीय दल पार्टी की रणनीति तय करेगा।” कांग्रेस संसदीय दल ने लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार शनिवार को बैठक की और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को इसका नेता चुना गया। हालांकि लोकसभा में विपक्ष के नेता पद पर संदेह बरकरार है। कांग्रेस ने अपने नेता पर निर्णय लेने के लिए सोनिया गांधी को अधिकृत किया है।
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष सोनिया गांधी को शनिवार को एक बार फिर से कांग्रेस संसदीय दल का नेता चुना गया और इस मौके पर उन्होंने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए ‘कई निर्णायक’ कदमों पर विचार चल रहा है। इससे पहले भी सोनिया यह भूमिका निभा रही थीं।
संसद के केंद्रीय कक्ष में हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सोनिया को नेता चुना गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें नेता चुने जाने का प्रस्ताव रखा और सभी सदस्यों ने उसका अनुमोदन किया। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक संसदीय दल का नेता लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के नेताओं का चुनाव करता है, ऐसे में सोनिया गांधी ही दोनों सदनों में नेताओं के नाम पर फैसला करेंगी।