भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एनवी रमना ने गुरुवार को कहा कि अन्याय के विरुद्ध छात्रों ने हमेशा आवाज उठाई है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में छात्र समुदाय से किसी बड़े नेता को उभरते हुए नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि, युवा जब सामाजिक और राजनीतिक रूप से जागरूक होते हैं तब शिक्षा, भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य, मकान आदि विषय राष्ट्रीय विमर्श का मुख्य विषय बनते हैं। सीजेआई ने दिल्ली में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय में आयोजित आठवें दीक्षांत समारोह में यह महत्वपूर्ण बातें कहीं।
सीजेआई ने कहा कि, यह आवश्यक है कि स्पष्ट विचारों वाले दूरदर्शी और निष्ठावान छात्रों को सार्वजनिक जीवन में आना चाहिए क्योंकि, ऐसे युवा लोकतंत्र की मजबूती के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। भारत के प्रधान न्यायाधीश रमण ने कहा, ”छात्रों के लिए यह जरूरी है कि वे वर्तमान चर्चा में भाग लें और उनका नजरिया स्पष्ट हो ताकि, वे “हमारे संविधान द्वारा परिकल्पित एक शानदार भविष्य में राष्ट्र को चलाने के लिए” नेताओं के रूप में उभर सकें।
उन्होंने कहा, “छात्र समाज का एक अभिन्न अंग हैं। वे अलगाव में नहीं रह सकते। छात्र स्वतंत्रता, न्याय, समानता, नैतिकता और सामाजिक संतुलन के संरक्षक हैं। यह सब तभी प्राप्त किया जा सकता है जब उनकी ऊर्जा ठीक से सुव्यवस्थित हो। जब युवा सामाजिक रूप से और राजनीतिक रूप से जागरूक, शिक्षा, भोजन, वस्त्र, स्वास्थ्य देखभाल, आश्रय आदि के बुनियादी मुद्दे राष्ट्रीय प्रवचन में ध्यान में आएंगे। शिक्षित युवा सामाजिक वास्तविकता से अलग नहीं रह सकते हैं।”
CJI ने कहा कि युवाओं में आदर्शवाद और महत्वाकांक्षा का सही संयोजन देश को सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक के रूप में उभरने में सक्षम करेगा।
उन्होंने आगे कहा, “छात्र सभी सही कारणों के लिए लड़ने के लिए अपनी तत्परता के लिए जाने जाते हैं क्योंकि उनके विचार शुद्ध और ईमानदार होते हैं। वे हमेशा सबसे आगे रहते हैं, अन्याय पर सवाल उठाते हैं। भारतीय समाज का कोई भी उत्सुक पर्यवेक्षक यह नोटिस करेगा कि पिछले कुछ दशकों में किसी भी बड़े नेता ने छात्र समुदाय से उभरा। यह उदारीकरण के बाद सामाजिक कारणों में छात्रों की कम भागीदारी के साथ सहसंबद्ध प्रतीत होता है। आधुनिक लोकतंत्र में छात्रों की भागीदारी के महत्व को कम नहीं किया जा सकता है।”
दिल्ली में राष्ट्रीय विधि विद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में सीजेआई के अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल के साथ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल और रजनीश भटनागर भी मौजूद थे।
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