मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पर लोकसभा में गुरुवार को चर्चा के दौरान लोकसभा की पीठासीन सभापति और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद रमा देवी पर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खान की एक अमर्यादित टिप्पणी को लेकर भारी हंगामा हुआ जिसके बाद सपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आजम खान पर निशाना साधते हुए यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है।
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया ‘आजम खान द्वारा दिया गया शर्मनाक बयान उनके चरित्र का प्रतिबिंब है। उनका बचाव करके अखिलेश यादव ने भी प्रमाणित कर दिया की उनकी सोच में भी कोई फर्क नहीं। जो सदन में महिला के साथ निंदनीय व्यवहार कर सकता है, वह साधारण महिला से किस प्रकार का व्यवहार करता होगा यह सोचने वाली बात है।’
आज़म खान द्वारा दिया गया शर्मनाक बयान उनके चरित्र का प्रतिबिंब है; उनका बचाव करके अखिलेश यादव ने भी प्रमाणित कर दिया की उनकी सोच में भी कोई फ़र्क़ नहीं।
जो सदन में महिला के साथ निंदनीय व्यवहार कर सकता है वह साधारण महिला से किस प्रकार का व्यवहार करता होगा यह सोचने वाली बात है।
— Smriti Z Irani (@smritiirani) July 25, 2019
वहीं, लोकसभा में आजम खान के विवाद को राष्ट्रीय महिला आयोग ने शर्मनाक बताया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मांग की है कि उन्हें अयोग्य घोषित कर देना चाहिए। महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘यह एक शर्मनाक टिप्पणी है। आजम खान यह लगातार कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष को उनपर कार्रवाई करनी चाहिए, उन्हें अयोग्य घोषित कर देना चाहिए।’
Rekha Sharma,National Commission for Women Chief on SP MP Azam Khan's remark on BJP MP Rama Devi in Lok Sabha: This is a shameful remark. Azam Khan is now doing this repeatedly. Lok Sabha Speaker should take action against him, he should be disqualified pic.twitter.com/Dl9MukX8ep
— ANI (@ANI) July 25, 2019
दरअसल, समाजवादी पार्टी के आजम खान ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत एक शेर से की जिसमें उन्होंने कहा कि ‘तू इधर उधर की न बात कर, ये बता कि काफिला लुटा कहां’। इस पर पीठासीन उपाध्यक्ष रमा देवी ने उनसे कहा कि आप वह इधर उधर न देखें बल्कि आसन की तरफ देखकर अपना पक्ष रखें। इसके बाद खान ने एक अर्मादित टिप्पणी की जिसका सत्तापक्ष के सदस्यों ने कड़ा विरोध किया और कई सदस्य अपनी सीटों पर खड़े होकर उनसे माफी मांगने की मांग करने लगे।
रमा देवी ने भी उनसे माफी मांगने को कहा लेकिन आजम खान ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और हंगामा बढ गया।कानून मंत्री रविशंकर ने भी खान की टिप्पणी पर कहा कि उनका अनुभव 19 साल का है, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ कि आसन के खिलाफ टिप्पणी की गई और वह भी तब जब आसन पर एक महिला हों। उन्होंने भी कहा कि खान को माफी मांगनी चाहिए।
बयान को कार्यवाही से हटाया गया
इसी बीच अध्यक्ष ओम बिरला आसन पर आ गए और उन्होंने खान की टिप्पणी को कार्यवाही से हटा दिया। उन्होंने सपा सदस्य से अपनी टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा जिस पर खान ने कहा कि वह लंबे समय से सार्वजनिक जीवन में हैं उन्होंने किसी मंशा से अपनी बात नहीं कही थी। वह किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए बात नहीं कहते हैं।
इस बीच उनकी ही पार्टी के अखिलेश यादव खान की टिप्पणी पर कुछ कहने के लिए उठे लेकिन भाजपा के सदस्यों ने शोर शराबा करने लगे जिसके कारण उनकी बात सुनाई नहीं दी। इसके बाद खान फिर से विधेयक पर अपना पक्ष रखने के लिए खड़े हुए लेकिन भाजपा सदस्यों की टोका-टोकी जारी रही, जिसके विरोध में वह सदन से बहिर्गमन कर गए। उनके साथ सपा के अन्य सदस्य सदन से चले गए।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने खान पर बोला तीखा हमला
उधर,लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी आजम को आड़े हाथों लिया है और उन्हें नसीहत दी कि वह खुद में झांककर देखें कि वह सांसद कहलाने लायक हैं या नहीं। महाजन ने कहा, “यह किसी महिला या पुरुष की गरिमा की बात भर नहीं है, खान ने अमर्यादित टिप्पणी कर पूरी संसद के सम्मान एवं परंपरा को ठेस पहुंचाई है।” उन्होंने कहा, “खान को संसद की आसंदी से क्षमा याचना के साथ स्वीकार करना चाहिए कि उन्होंने संसदीय परंपराओं का उल्लंघन किया है। इस बात पर भी विचार किया जाना चाहिए कि जब तक वह माफी नहीं मांगें तब तक उन्हें सदन में बोलने की अनुमति ही नहीं दी जाए।”
‘खुद सोचें कि वह सांसद कहलाने के लायक हैं या नहीं’
महाजन ने कहा, “संसद के सदस्य बनने के बाद सांसद एक-दूसरे के साथ सम्मानजनक व्यवहार करते हैं। अगर यह व्यक्ति (खान) इतनी-सी बात समझ ही नहीं पा रहा है तो उन्हें अपने मन में स्वयं विचार करना पड़ेगा कि वह संसद के सदस्य कहलाने के लायक हैं या नहीं।” खान की टिप्पणी पर आक्रोश जताते हुए भाजपा की वरिष्ठ नेता ने कहा, “अमर्यादित बात करने के बाद खान पीठासीन सभापति को अपनी बहन बताने लगे लेकिन खान ने संसद में जिस तरह की शेरो-शायरी सुनाई वैसी किसी बहन को नहीं सुनाई जाती है। बहन की आंखों में देखते वक्त भाई की आंखों में मर्यादा रहती है।”
यह पूछे जाने पर कि खान के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए उन्होंने कहा, “खान को संसद से कुछ दिन के लिए निलंबित करने भर से काम नहीं चलेगा। मुझे लगता है कि उन जैसे लोगों को सात दिन तक विशेष प्रशिक्षण देने की जरूरत है ताकि उन्हें पता चल सके कि संसद के सदस्य को सदन में किस तरह मर्यादित बर्ताव करना चाहिएये।” महाजन ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा, “मुझे समझ नहीं आता कि अखिलेश को क्या हो गया है? वह एक राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह (अमर्यादित टिप्पणी मामले में) खान का पक्ष क्यों ले रहे हैं?”